सोमवार को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद उन्हें पुराना आवास वापस मिल गया है। राहुल गांधी ने आवास वापस मिलने पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि पूरा देश ही मेरा घर है। बता दें कि मोदी उपनाम मानहानि केस में सूरत सत्र न्यायालय का फैसला आने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इसके बाद लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने उन्हें आधिकारिक आवास खाली करने का निर्देश दिया था। राहुल गांधी ने अप्रैल महीने में 12 तुगलक लेन में स्थित अपने सरकारी आवास को खाली कर दिया था। बता दें कि राहुल गांधी को यह आवास साल 2004 में अलॉट किया गया था। करीब 19 साल से राहुल गांधी इस आवास में रह रहे थे।
कैसे मिलता है सरकारी आवास?
साल 1992 में हाउसिंग और शहरी विकास मंत्रालय के अधीन डायरेक्टरेट ऑफ़ स्टेट्स (DoE) नाम का विभाग बनाया गया था। यह विभाग सांसदों को सरकारी बंगला आवंटित करता है। डायरेक्टरेट ऑफ़ स्टेट्स विभाग, जनरल पूल रेजिडेंशियल एकोमोडेशन एक्ट, संक्षिप्त में GPRA एक्ट नियम के तहत बंगला अलॉट करता है। इसी नियम में बताई गई शर्तों और नियमों के मुताबिक, सरकारी लोगों को दिल्ली और उसके बाहर की भी कई लोकेशन पर सांसद को बंगले दिए जाते हैं। बता दें कि सांसदों के आवास देने की प्रक्रिया में DoE के अलावा लोकसभा और राज्यसभा की हाउसिंग कमेटी निर्णायक रोल निभाती है।
लोकसभा पूल में कुल 517 घर
लोकसभा पूल में कुल 517 घर हैं, इसमें टाइप-8 बंगले से लेकर छोटे फ्लैट और हॉस्टल भी शामिल हैं। आवास अलॉट करने की जिम्मेदारी हाउस कमेटी की होती है। सांसदों द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर हाउस कमेटी बंगले का आवंटन करती है। लोकसभा पूल के लिए उपलब्ध रिहाइशी आवास में 159 बंगले, 37 ट्विन फ्लैट, 193 सिंगल फ्लैट, 96 बहुमंजिला इमारत में फ्लैट और 32 इकाइयां सिंगल घर के मौजूद है।
टाइप 8 बंगला कैसा होता है?
सबसे उच्च श्रेणी का आवास टाइप 8 बंगले को माना जाता है। इस श्रेणी का बंगला लगभग तीन एकड़ में फैला होता है। इन बंगलों की मुख्य बिल्डिंग में 5 बेडरूम, 1 हॉल, 1 बड़ा डाइनिंग रूम और एक स्टडी रूम होता है। इसके अलावा आवास कैंपस में एक बैठकखाना और एक सर्वेंट क़्वार्टर भी होता है। टाइप 8 बंगला कैबिनेट मंत्री, सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश, पूर्व प्रधानमंत्री/ राष्ट्रपति/ उपराष्ट्रपति और वरिष्ठ सांसदों को आवंटित किया जाता है। टाइप 8 बंगले जनपथ, त्यागराज मार्ग, कृष्णमेनन मार्ग, अकबर रोड, सफदरजंग रोड, मोतीलाल नेहरू मार्ग और तुगलक रोड पर स्थित हैं।
टाइप 7 बंगला
टाइप 7 बंगला करीब एक से डेढ़ एकड़ में फैला होता है। इसमें 4 बेडरूम, 1 हॉल, 1 बड़ा डाइनिंग रूम और एक स्टडी रूम होता है। ऐसे बंगले अशोका रोड, लोधी रोड, कैनिंग रोड, तुगलक लेन आदि में स्थित है। टाइप 7 बंगला राज्य मंत्री, दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश और कम से कम पांच बार संसाद रहे व्यक्तियों को आवंटित किया जाता है। राहुल गांधी को भी यही बंगला अलॉट किया गया है।
टाइप 5 बंगला
पहली बार सांसद चुन कर आए लोगों को टाइप 5 बंगला दिया जाता है। टाइप फाइव निवास में चार श्रेणियां हैं। टाइप फाइव (ए) के तहत एक ड्राइंग रूम और एक बेडरूम सेट आवंटित किया जाता है। वहीं टाइप फाइव (बी) में एक ड्राइंग रूम और दो बेडरूम सेट मिलता है। जबकि टाइप फाइव (सी) में ड्राइंग रूम और तीन बेडरूम सेट दिया जाता है। वहीं टाइप फाइव (डी) में ड्राइंग रूम और चार बेडरूम सेट मिलता है।