राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गयी है। कई बार उनकी नागरिकता को लेकर सवाल उठाए गए हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा है।
बार एंड बेंच की खबर के अनुसार, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेच में बुधवार को कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर सीबीआई जांच कराई जाए। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने एएसजी सूर्यभान पांडेय को निर्देश देते हुए कहा कि वो इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय से जानकारी हासिल करें।
ये याचिका कर्नाटक के बीजेपी कार्यकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दाखिल की है। जून में रायबरेली लोकसभा से इलेक्शन को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ में 3 महीने पहले ये जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया है कि राहुल गांधी भारत के नहीं बल्कि ब्रिटेन के नागरिक हैं। इसके आधार पर राहुल गांधी का चुनाव पर्चा रद्द करने की मांग की गई थी।
राहुल गांधी की नागरिकता पर विवाद
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी की नागरिकता के विवाद पर सिटिजनशिप एक्ट के तहत केन्द्र सरकार से की गयी शिकायत पर कार्रवाई का ब्योरा मांगा है। इस शिकायत में कहा गया है कि राहुल गांधी के पास दोहरी नागरिकता है। दोहरी नागरिकता के कारण वह चुनाव नहीं लड़ सकते और सांसद नहीं बन सकते।
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हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा ब्योरा
जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कर्नाटक के एस विग्नेश शिशिर की याचिका पर केंद्र सरकार से ब्योरा मांगा है। याची शिशिर ने जहां मामले में सीबीआई जांच की मांग की है, वहीं अदालत ने स्पष्ट किया कि उसका ध्यान पूरी तरह से इस पर था कि क्या केंद्र को अभ्यावेदन प्राप्त हुआ था और वह इसके संबंध में क्या निर्णय या कार्रवाई करने का प्रस्ताव रखता है।
मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर 2024 को होगी। इससे पहले जुलाई महीने में इसी याची की याचिका को न्यायालय ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वह चाहे तो सिटिजनशिप एक्ट के तहत सक्षम प्राधिकारी को शिकायत कर सकता है।