यहां कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि गजेंद्र चौहान की प्र्रतिष्ठित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति शैक्षणिक, नौकरशाही और न्यायिक प्रणाली को कमजोर करने की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की बड़ी योजना का हिस्सा है।

चौहान को हटाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे एफटीआइआइ विद्यार्थियों को समर्थन देने के लिए संस्थान के दौरे पर आए राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस और उसके विचारक ‘औसत दर्जे’ को बढ़ावा देकर इस संस्थान का दर्जा गिरा रहे हैं और आलोचकों को राष्ट्रविरोधी व हिंदू विरोधी बताकर उन्हें धौंस दिखा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘आरएसएस और उसके विचारक तंत्र में सुनियोजित तरीके से ‘औसत दर्जे’ के लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं। वे शैक्षणिक संस्थानों के दर्जे को गिराने पर आमादा हैं। यह केवल शिक्षा प्रणाली की बात नहीं है बल्कि नौकरशाही व न्यायिक प्रणाली में भी ऐसा हो रहा है।’ उन्होंने विद्यार्थियों से कहा, ‘वे आपको राष्ट्रविरोधी, हिंदू विरोधी कहेंगे। वे आपसे डरे हुए हैं।’
उन्होंने कहा कि सरकार विद्यार्थियों की मांग पर सार्थक चर्चा से इनकार कर उनकी आवाज को दबा रही है। राहुल गांधी ने कहा, ‘विद्यार्थी केवल यह कह रहे हैं कि चर्चा होनी चाहिए और उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘वे (सरकार) चर्चा नहीं चाहते। कोई भी बात, जो उनकी विचारधारा के सटीक नहीं बैठती, राष्ट्रविरोधी है।

राहुल गांधी ने कहा कि इस ‘छोटे स्कूल’ ने सरकार के मन की शांति भंग कर रखी है और वह बस अपने विचार का प्रचार प्रसार करना चाहती है और वह प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों को ‘राष्ट्रविरोधी’ बताएगी। उन्होंने कहा, ‘क्यों करीब 250 विद्यार्थियों वाला यह छोटा संस्थान सरकार के मन की शांति भंग कर रहा है। यदि विद्यार्थी उन्हें (गजेंद्र चौहान को) नहीं चाहते हैं तो स्पष्टत: उन्हें वहां नहीं होना चाहिए। यह आप पर धौंसपट्टी दिखाने का प्रयास है।’

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने विद्यार्थियों को उनकी आवाज संसद में उठाने का आश्वासन दिया। वह जब इस प्रतिष्ठित संस्थान में गए तब भाजपा कार्यकर्ताओं ने बाहर नारेबाजी की। एफटीआइआइ के विद्यार्थी टीवी अभिनेता चौहान को इस संस्थान का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के खिलाफ 50 दिनों से हड़ताल पर हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस में जहां भी मुद्दा होता है, उसपर चर्चा होती है। कुछ सहमत होते हैं कुछ नहीं। लेकिन भाजपा में यदि प्रधानमंत्री ने कोई निर्णय ले लिया तब कोई कुछ नहीं कह सकता। इसी महीने विद्यार्थियों के एक संगठन ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप करने और सरकार से अनुपयुक्त लोगों की नियुक्ति खारिज करने और भावी नियुक्तियों के लिए पारदर्शी प्रक्रिया स्थापित करने की अपील करने का अनुरोध किया था।

राहुल ने कहा, ‘विद्यार्थी जो कर रहे हैं, वह सही है। सरकार को उनके साथ बातचीत करनी चाहिए और उनकी आवाज नहीं कुचलना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘वे जो मांग कर रहे हैं, बस अपनी मांगों पर सरकार से बातचीत करना है। यह कोई बड़ी मांग नहीं है। सरकार यदि विद्यार्थियों से बातचीत करने के लिए राजी हो जाती है तो उससे वह छोटी नहीं दिखने लगेगी। ये विद्यार्थी देश के भविष्य हैं।’ विद्यार्थियों से बातचीत के बाद तीन लघु फिल्में देखने के बाद राहुल ने कहा, ‘हम संसद में इस मुद्दे को उठा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता में है न कि कांग्रेस। उन्होंने कहा, ‘उन्हें (भाजपा) जो भी विचारधारा पसंद नहीं आती, उसे वे राष्ट्रविरोधी करार देते हैं।’ एनयूएसआइ और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने गांधी के परिसर पहुंचने से पहले एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की। भाजपा समर्थकों ने गजेंद्र चौहान के पक्ष में नारे लगाए जबकि कांग्रेस समर्थक एनयूएसआइ ने मोदी विरोधी नारे लगाए।