कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को राजस्थान के झालावाड़ में थे। एएनआई के मुताबिक राहुल गांधी ने सीबीआई के निदेशक को छुट्टी पर भेजने पर कहा,” पिछली रात सीबीआई के निदेशक को चौकीदार ने इसलिए छुट्टी पर भेजा है क्योंकि जांच एजेंसी रफाल पर सवाल खड़े कर रही थी।” वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी के अलावा अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भारत और फ्रांस के बीच हुये रफाल लड़ाकू विमान सौदे में कथित आपराधिक कदाचार के लिये प्राथमिकी दर्ज कराने का अनुरोध करते हुये बुधवार को उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर की।
इस याचिका में कहा गया है कि उनकी शिकायत में दर्शाये गये अपराधों की केन्द्रीय जांच ब्यूरो से समयबद्ध तरीके से जांच कराने और जांच की प्रगति रिपोर्ट समय समय पर शीर्ष अदालत को सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध् किया गया है। दोनों पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों और प्रशांत भूषण ने चार अक्टूबर को जांच ब्यूरो के निदेशक आलोक वर्मा से मुलाकात के बाद जांच ब्यूरो में अपनी शिकायत दायर की थी। आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच चल रहे गतिरोध के मद्देनजर ही मंगलवार को इन दोनों अधिकारियों को अवकाश पर जाने का निर्देश दिया गया था।
Fresh PIL filed in Supreme Court on #RafaleDeal by Advocate Prashant Bhushan, Former Union Ministers Yashwant Sinha and Arun Shourie, seeking court monitored CBI probe in the case. pic.twitter.com/uo32707cpR
— ANI (@ANI) October 24, 2018
वहीं खुद को छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले का विरोध करते हुए सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अपनी याचिका में आलोक वर्मा ने सीधे सरकार पर जांच में दखल देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। आलोक वर्मा ने अपनी याचिका में लिखा है कि सीबीआई एक स्वायत्त संस्था के तौर पर काम करना चाहती है। लेकिन बहुत से ऐसे मौके भी आए हैं जब हाईप्रोफाइल केसों में जांच की दिशा सरकार अपनी मर्जी से तय करना चाहती थी। वर्मा ने याचिका में ये भी कहा है कि जिस मामले का हवाला देकर उन्हें छुट्टी पर भेजा गया है वह एक बेहद संवेदनशील मामला है और कई संवेदनशील मामलों से जुड़ा है।
वर्मा ने इस पूरे मामले में सरकार के अलावा सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर भी आरोप लगाए हैं। वर्मा के मुताबिक पहले तो लंबित मामलों को नजरअंदाज कर अस्थाना को स्पेशल डायरेक्टर नियुक्त किया गया। ऊपर से जब से अस्थाना, डायरेक्टर नियुक्त हुए हैं, वे मामलों की जांच की दिशा आश्चर्यजनक रूप से खुद ही तय करते हैं। वर्मा का आरोप है कि अस्थाना कई उन संवेदनशील मामलों की भी जांच कर रहे हैं जो कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं।
याचिका में लिखा है कि अस्थाना को सीबीआई के निदेशक वर्मा के खिलाफ मनगढ़ंत सबूत बनाते पाया गया और उन पर मुकदमा भी दर्ज किया गया। जिसे कि अस्थाना ने 23 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इसके अलावा 23 अक्टूबर को ही कुछ और फैसले लिए गए जिनमें वर्मा को छुट्टी पर भेजने का फैसला और नागेश्वर राव की अंतरिम डायरेक्टर के तौर पर नियुक्ति का फैसला शामिल है।
