2013 की शुरुआत में कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार कथित अनियम‍ितताओं के लिए नेशनल स्‍पॉट एक्‍सचेंज लिमिटेड (NSEL) की जांच कर रही थी। इसी समय, NSEL की प्रमोटर कंपनी फायनेंशियल टेक्‍नोलॉजीस (इंडिया) लिमिटेड (FTIL) को तत्‍कालीन कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्‍ली स्थित 4.69 एकड़ का फार्महाउस किराए पर दिया था। FTIL के प्रमोटर जिग्‍नेश शाह हैं जिनपर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप है। FTIL और राहुल-प्रियंका के बीच रेंट एग्रीमेंट पर 1 दिसंबर, 2013 की तारीख है। इससे करीब 10 महीने पहले NSEL को नियमों के उल्‍लंघन पर कारण बताओ नोटिस मिला था। NSEL घोटाला जुलाई 2013 में सार्वजनिक हुआ और रेंट एग्रीमेंट अक्‍टूबर 2013 में खत्‍म हुआ। हालांकि लीज 31 दिसंबर, 2013 को खत्‍म होनी थी। FTIL और कांग्रेस, दोनों ने इसे सामान्‍य कारोबारी लेन-देन बताया है।

द इंडियन एक्‍सप्रेस की ओर से भेजे गए सवालों के जवाब में कांग्रेस ने कहा कि केंद्र में यूपीए और महाराष्‍ट्र में कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने FTIL, शाह और उससे अन्‍य संस्‍थाओं के खिलाफ ‘निर्णायक और आपराधिक मामलों में कार्रवाई’ की थी। इसमें शाह की गिरफ्तारी शामिल है। इसी साल 29 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने FTIL (अब 63 मून टेक्‍नोलॉजीस लिमिटेड) से राहुल-प्रियंका संग उनके समझौते की जानकारी मांगी है।

FTIL ने मेहरौली स्थित इंदिरा फार्महाउस 6.7 लाख रुपये मासिक किराया तय कर 11 महीने की लीज पर लिया था। FTIL ने राहुल और प्रियंका गांधी को ”क्रमश: 40.10 लाख रुपये तथा 20.10 लाख रुपये के अलग-अलग ब्‍याज मुक्‍त चेक” दिए। लीज के अनुसार, कंपनी इस फार्महाउस का इस्‍तेमाल अपने अधिकारियों के लिए गेस्‍टहाउस के रूप में करना चाहती थी।

द इंडियन एक्‍सप्रेस ने 63 मून टेक्‍नोलॉजीस लि. और कांग्रेस को सवाल भेजकर समझौते और इसकी शुचिता को लेकर जानकारी मांग थी। कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप‍ सिंह सुरजेवाला ने जवाब में कहा कि यह फार्महाउस पैतृक संपत्ति है जो 1960 के दशक में खरीदी गई, इसे कई सालों से किराए पर दिया जाता रहा है। सुरजेवाला ने कहा कि पूरे लेन-देन की जानकारी आयकर रिटर्न्‍स में दी गई थी।

सुरजेवाला ने कहा, ”FTIL या जिग्‍नेश शाह या उनसे जुड़ी किसी संस्‍था के खिलाफ किसी कार्रवाई में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड़ा के जुड़ाव या हस्‍तक्षेप का कोई प्रश्‍न ही नहीं था।” उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ईडी को ‘बदले के हथियार’ की तरह इस्‍तेमाल करने का आरोप लगाया।

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