G20 शिखर सम्मेलन से पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ऐसा बयान दे दिया, जिससे अब ये देश में बड़ा मुद्दा बन सकता। दरअसल राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने यूरोपीय संसद के सदस्यों के साथ भारत में ‘लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमले’ सहित भारत के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा की। राहुल ने कहा कि वे बहुत चिंतित हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि यह भारत की लोकतांत्रिक संरचनाओं को दबाने का प्रयास है।

बता दें कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है, विपक्ष की आवाज़ दबाई जा रही है और संवैधानिक संस्थानों पर कब्ज़ा किया जा रहा है, ऐसे बातें राहुल की विदेश यात्राओं के लगातार विषयों में से एक रहे हैं। लेकिन यह पहली बार है कि कांग्रेस नेता राहुल ने रिकॉर्ड पर कहा है कि उन्होंने विदेशी सांसदों के साथ भारत में ‘लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमले’ पर चर्चा की है।

फरवरी-मार्च में यूनाइटेड किंगडम की यात्रा के दौरान इसी तरह की टिप्पणी को लेकर भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ बड़ा हमला बोला था। उन्होंने तब इस बारे में बात की थी कि कैसे भारत में लोकतंत्र ‘एक वैश्विक सार्वजनिक हित’ था और यदि भारत में लोकतंत्र कमजोर होता है, तो यह ग्रह पर कमजोर होता है। भाजपा ने राहुल पर विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया था और उनसे माफी की मांग की थी।

भाजपा ने राहुल गांधी पर देश की समस्याओं को सुलझाने में विदेशी देशों के हस्तक्षेप की मांग करके देश की संप्रभुता को कमजोर करने का भी आरोप लगाया था। शुक्रवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने ब्रुसेल्स में यूरोपीय संसद के सदस्यों के साथ अपनी गोलमेज बैठक के बारे में बात की।

राहुल गांधी के बयान पर अब भाजपा उन्हें फिर से घेर सकती है। अभी तक भाजपा की ओर से राहुल गांधी के बयान पर कोई आधिकारिक टिप्पणी तो नहीं आई है, लेकिन आने वाले दिनों में बीजेपी इसे मुद्दा बन सकती है। बीजेपी उन पर देश की संप्रभुता को कमजोर करने का भी आरोप लगा सकती है। लंदन में राहुल के बयान के बाद भाजपा ने यही आरोप उनपर लगाए थे।