आरक्षण की मांग को लेकर जाट समुदाय की डेडलाइन गुरुवार को समाप्त हो रही है। इसके तहत जाट रोहतक में बैठक कर आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति बनाएंगे। जाटों ने सरकार से कहा कि उनके पास केवल गुरुवार रात का समय है। वहीं सरकार का कहना है कि उसे इस तरह से डेडलाइन के जरिए बंधक नहीं बनाया जा सकता है। हालांकि सरकार आरक्षण देने को लेकर प्रतिबद्ध है। हरियाणा के केबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि सरकार जल्द ही विधानसभा में बिल पेश करेगी। जाट समुदाय को आंदोलन की धमकी देना बंद कर देना चाहिए। इसी बीच रोहतक में तीन दिन के लिए स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई है। पैरामिलिट्री फोर्स को वहां पर तैनात भी किया गया है।
रोहतक के साथ ही आठ अन्य संवेदनशील जिलों में भी अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया है। इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस लेवल के आठ अधिकारियों को रोहतक झज्जर, सोनीपत, पानीपत, जिंद, कैथल और भिवानी जिलों में भेजा गया है। अधिकारियों का कहना है कि भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। जरूरत पड़ने पर फोन और इंटरनेट सेवाओं को भी बंद किया जा सकता है। साथ ही सेना से भी फ्लैग मार्च करने को कहा जा सकता है।
Jat Bill zaroor layenge, Jat Bandhuon se kehna chahta hoon ki dhamkiyaan dena bandh karien-Anil Vij,Haryana Min pic.twitter.com/xxaKkLDnSr
— ANI (@ANI_news) 17 March 2016
बता दें कि जाट आंदोलन के दौरान इन्ही जिलों में सबसे ज्यादा हिंसा और नुकसान हुआ था। आंदोलन में 30 लोग मारे गए थे। जाट समुदाय की मांग है कि उन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जाए। उनके नेताओं पर लगे मामलों को वापस लिया जाए और गिरफ्तार नेताओं को रिहा किया जाए। अधिकारियों के अनुसार सरकार ने पैरामिलिट्री की 80 कंपनियों की मांग की है।