चुनाव आयोग ने हाल ही में चार राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु समेत केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी में विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी। इन सभी प्रदेशों में सबसे कड़ा मुकाबला ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल में देखने को मिलने वाला है। बीजेपी हर कोशिश कर रही है कि इस बार बंगाल की सत्ता पर पार्टी अपना अधिकार जमा सके। इस बीच देश में बढ़ती मंहगाई और पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। ममता बनर्जी ने भी इसके खिलाफ इलेक्ट्रिक स्कूटर चलाकर अपना विरोध जताया है।

सोशल मीडिया पर भी लोग कह रहे हैं कि यही भाजपा 2014 से पहले जब विपक्ष में थी तब महंगाई और पेट्रोल, डीजल के दाम पर कांग्रेस के गठबंधन सरकार को घेरती थी। सत्ता बदलने के पीछे भी महंगाई का बड़ा हाथ माना गया लेकिन जब ये खुद सत्ता में हैं तो पहले की अपेक्षा महंगाई और पेट्रोल, डीजल की कीमतें कई गुना बढ़ गईं हैं। इसी बात पर वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने बीजेपी के सत्ता में आने से पहले का चुनावी पोस्टर शेयर कर एक ट्वीट किया है।

उन्होंने नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगे दो पोस्टर्स को शेयर करते हुए लिखा, ‘चुनावी राज्य में सिर्फ दो पोस्टर चस्पां हो जाए, रिजल्ट खुद ही आ जाएगा।’ पुण्य प्रसून बाजपेयी ने जो पोस्टर्स शेयर किए हैं उन पर लिखा है, ‘बहुत हुई जनता पर पेट्रोल, डीजल की मार, अबकी बार मोदी सरकार।’ और ‘बहुत हुई देश में महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार।’

 

पुण्य प्रसून बाजपेयी के इस ट्वीट पर यूजर्स की भी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। तपन शर्मा नाम के यूजर ने व्यंग के अंदाज में लिखा, ‘मोदी जी पैसे के लालची नहीं हैं। वो चाहते तो देश को लूट भी सकते थे लेकिन बर्बाद करना ही उचित समझा।’ किसान वाणी नाम के यूजर ने लिखा, ‘जो अपने बनाए स्कूल, कॉलेज, अस्पताल नहीं दिखा सकते, वो ही आपको लव जिहाद और मदरसों का डर दिखाते हैं। आपका डर ही इनकी राजनीतिक पूंजी है।’

 

डोरी लाल यादव लिखते हैं, ‘जुमले फिर भी भारी हैं, लोगों को जुमलों का नशा है।’सुशील यादव लिखते हैं, ‘तीसरा पोस्टर होना चाहिए, दो करोड़ रोजगार प्रत्येक वर्ष।’

 

आपको बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब विपक्ष में थे तब वो मंहगाई पर उस वक्त की सरकार को नाकाम बताते थे। 2012 में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, ‘ये दिल्ली सरकार की शासन को चलाने की नाकामियों का सबूत है कि पेट्रोल की कीमतें बढ़ी हैं।’