Stubble Burning Case: एक तरफ तो दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। वहीं दूसरी तरफ पंजाब से और भी ज्यादा डराने वाली जानकारी सामने आई है। पंजाब में सोमवार को खेतों में पराली जलाने के 1,251 नए मामले सामने आए हैं। यह इस सीजन का सबसे ज्यादा रिकॉर्ड है।

रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, पूरे पंजाब में सोमवार को 1251 पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं। इससे पहले 8 नवंबर को सबसे ज्यादा पराली जलाने के केस सामने आए थे जिसमें कुल 730 मामले शामिल थे। इस साल पंजाब 15 सितंबर से लेकर 18 नवंबर तक कुल 9,655 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। सोमवार को खेतों में आग लगाने के 247 मामलों के साथ मुक्तसर सबसे टॉप पर रहा। इसके बाद मोगा में 149, फिरोजपुर में 130, बठिंडा में 129, फाजिल्का में 94, संगरूर में 73 और फरीदकोट में 88, तरनतारन में 77, लुधियाना में 52, बरनाला में 42 और अमृतसर में 36 मामले सामने आए।

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पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) के अध्यक्ष आदर्श पाल विग ने कहा कि उन्हें पराली जलाने के मामलों में इतनी बढ़ोतरी की उम्मीद ही नहीं थी। विग ने कहा, “हमें इस समय छिटपुट घटनाओं की उम्मीद थी, लेकिन तरनतारन और अमृतसर समेत जिलों से खेतों में आग लगने की ताजा घटनाएं सामने आईं। हमने राज्य भर के डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया है कि वे फील्ड टीमों को निर्देश दें कि वे पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लें।

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नासा की सैटेलाइट के आंकडे़ कर रहे हैरान

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, नासा की सैटेलाइट द्वारा जुटाए गए आंकड़ों पर गौर करें तो पंजाब में साल 2020 में किसानों द्वारा पराली जलाने की करीब 80,346 घटनाएं दर्ज की गई थीं। वहीं यह साल 2021 में 69,445 हो गईं। यह साल 2022 में 47,788 और 2023 में 33,082 रह गईं। साथ ही अब हरियाणा की बात करें तो 2020 में 3710, 2021 में 6094, 2022 में 3272, 2023 में 2031 और 2024 में अब तक सिर्फ 1082 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब प्रदूषण का लेवल नहीं घट रहा है तो फिर पराली जलाने की घटनाएं कम कैसे हो रही हैं।

क्या सैटेलाइट को चकमा दे रहे किसान

बता दें कि नासा की सैटेलाइट पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई राज्यों पर नजर रखती है। यह सैटेलाइट यह पकड़ लेती है कि किस जगह पर पराली जलाई जा रही है। लेकिन अब नासा के सांइटिस्टों को शक है कि पंजाब और हरियाणा के किसान सेटेलाइट से बचकर पराली जला रहे हैं। इन राज्यों में पराली जलाई जा रही है और पकड़ में नहीं आ रही है। नासा की सैटेलाइट पंजाब और हरियाणा के ऊपर से दोपहर के टाइम 1 बजकर 30 मिनट के आसपास गुजरती है। नासा के वैज्ञानिकों को शक है कि इसके बाद में ही वह पराली को जला रहे हैं।

पराली जलाने का कारण

अब पराली जलाने की वजहों की बात करें तो पंजाब के ज्यादातर इलाकों में धान की खेती की जाती है और अक्टूबर और नवंबर का महीना उनकी कटाई का होता है। किसान खेत में बची हुई पराली का जल्द से जल्द निपटारा करना चाहते हैं। इसके पीछे एक वजह भी छिपी है। किसानों को रबी की फसल गेंहूं बोने के लिए काफी कम टाइम बचता है।