पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री सुरजीत कुमार ज्ञानी नहीं मानते कि शराब में ‘नशा’ होता है। उनकी इस टिप्पणी पर राजनीतिक दोस्तों और विरोधियों ने एक जैसी प्रतिक्रिया की है, लेकिन वह अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं शराब नूं नशा नहीं समझदा (मैं शराब को नशा नहीं समझता) तुसी शराब नूं नशा कह नहीं सकदे (आप शराब को नशा नहीं कह सकते)। ज्ञानी ने सोमवार को मुक्तसर जिले के गिद्दरबाहा में एक नशा मुक्ति केंद्र का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘‘सरकार शराब बनाने के लिए लाइसेंस देती है, हम शराब की दुकानों की नीलामी करते हैं। जब तक यह किया जाता है तब तक शराब को नशा नहीं कहा जा सकता, आप सेना में शराब पीते हैं। पार्टियों में भी शराब परोसी जाती है।’’
उनकी टिप्पणी पर कांग्रेस और आप सहित विपक्षी पार्टियों ने पंजाब सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इससे यह खुलासा हो गया है कि शिअद-भाजपा गठबंधन ‘दोमुंही बात करने वाला’ है। वहीं शिरोमणि अकाली दल ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया। पंजाब कांग्रेस इकाई ने कहा कि राज्य में नशे की समस्या को रोकने के लिए नशा मुक्ति केंद्र खोल कर लोगों को मूर्ख बना रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने कहा, ‘‘यह भाजपा विधायक का बयान नहीं है। यह शिअद-भाजपा शासन की राजकीय नीति है।’’
आप के पंजाब संयोजक सुचा सिंह छोटेपुर ने कहा, ‘‘मूल रूप से वह (शिअद-भाजपा) मादक पदार्थों के खिलाफ नहीं है। वे लोग शराब कारोबारियों से हाथ मिलाए हुए हैं। हालांकि वे दावा करते हैं कि राज्य में नशीली वस्तुओं की बिक्री रूक गई है, जो सफेद झूठ है। नकली शराब पीने से हर साल काफी संख्या में लोग मरते हैं।’’
शिअद सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा जैसे उनके राजनीतिक मित्र ने कहा, ‘‘शराब नशा है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। शराब पीना समाज में अच्छा नहीं माना जाता, यह मनोदशा को भी प्रभावित करता है।’’
हालांकि, ज्ञानी अपने बयान पर कायम हैं और उन्होंने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा, ‘‘मैं शराब को नशा नहीं कहता और मैं इस पर अब भी कायम हूं। अल्कोहल को नशा नहीं कहा जा सकता जब तक कि सभी फैक्टरियां और शराब की दुकानें बंद नहीं हो जातीं।’’
ज्ञानी ने कहा, ‘‘जब शराब कानूनी तौर पर बेची जा रही है तब आप इसे नशा कैसे कह सकते हैं। पहले तो आप देश भर में शराब की बिक्री पर पाबंदी लगाइए और उसके बाद कहीं शराब बिकती है तब हम इसे नशा कह सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या अपनी सेना, बीएसएफ को नशे का आदी कहेंगे? क्या पार्टियों में शराब पीने वाले लोगों को हम शराबी कहेंगे।’’ बहरहाल, उन्होंने कहा कि चरस और चूरा पोस्त के सेवन को नशा कहा जा सकता है।