Patiala Lok Sabha Chunav: पटियाला लोकसभा सीट से कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस के टिकट पर चार बार पटियाला की सांसद रह चुकीं परनीत कौर, इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने इस साल मार्च महीने में आधिकारिक तौर पर बीजेपी ज्वॉइन की।
उनके बीजेपी में शामिल होने से करीब डेढ़ साल पहले अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का बीजेपी में विलय कर दिया था। अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस द्वारा उन्हें पंजाब सीएम पद से हटाए जाने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
पंजाब में किसान आंदोलन के बीच हो रहे लोकसभा चुनाव में परनीत कौर और अन्य बीजेपी प्रत्याशियों को राज्य की तकरीबन सभी सीटों पर अन्नदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।
पंजाब में सातवें चरण में सभी 13 सीटों पर वोटिंग होगी, इससे पहले परनीत कौर से बात की द इंडियन एक्सप्रेस ने। इस इंटरव्यू में उन्होंने किसानों के आंदोलन से लेकर बीजेपी के कैंपेन और चुनाव में मिल रही टक्कर से संबंधित सवालों के खुलकर जवाब दिए।
क्या आपको बीजेपी में शामिल होने पर अफसोस है?
मुझे बीजेपी में शामिल होने का कोई अफसोस नहीं है। यह घटनाक्रम कांग्रेस लीडरशिप से हमारे अच्छे संबंध खराब होने के बाद हुआ। हम इसमें कुछ नहीं कर सकते थे।
कैप्टन अमरिंदर के साथ कांग्रेस के बर्ताव को आप किस रूप में देखते हैं?
यह अब बीती बात है। कोई भी काम करने का एक तरीका होता है। आप ऐसे व्यक्ति का अपमान नहीं कर सकते जिसने सूबे में आपकी पार्टी को खड़ा किया। वह एक नेता हैं, जिनकी नेशनल अपील है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी की इमेज नेशनल लेवल पर भी बनाने का काम किया। 2019 के लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस को सिर्फ 52 सीटें मिलीं, तब अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में सिर्फ पंजाब से 8 सांसद जीते जबकि पूरे उत्तरी इलाके से उसे कहीं भी इतने सांसद नहीं मिली। और देखिए कांग्रेस ने बदले में उनके साथ क्या किया?
अमरिंदर सिंह की राजनीति कृषकों के इर्द गिर्द रही है और अब वो आपका ही विरोध कर रहे हैं… आप क्या कहेंगी?
कैप्टन साहिब ने हमेशा ही किसानों के लिए काम किया। उन्हें भरोसा रखना चाहिए था कि वो उनकी मांगों को अपनी टॉप प्रायोरिटी समझेंगे। उन्हें यह भी समझना होगा कि पंजाब में किसानों की भूमिका प्रमुख है लेकिन अन्य राज्यों में अन्य समुदाय हैं। मोदी जी उनके खिलाफ नहीं हैं। सरकार के लिए जो भी संभव है, वो किसानों के लिए करेगी। पीएम ने किसानों से माफी मांगी और कृषि कानून वापस लिए। लेकिन वो हमें कैंपेन नहीं करने दे रहे। हमें कैंपेन करने का अधिकार है, वो हमें प्रचार नहीं करने दे रहे हैं। वो वोटर्स को धमका रहे हैं। मताधिकार का अधिकार ताकत के दम पर नहीं रोका जा सकता। अन्य दल उन्हें बीजेपी को रोकने के लिए समर्थन कर रहे हैं। किसान आंदोलन के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले हर परिवार के पास मैं गई। मैंने उन्हें आर्थिक रूप से भी मदद की। कोई अन्य नेता नहीं गया।
किस पार्टी से आपकी सीधी फाइट है?
यहां किसी के बीच सीधा मुकाबला नहीं है। बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल पहली बार अलग-अलग लड़ रहे हैं। यहां कांग्रेस और आप के बीच भी गठबंधन नहीं है। बीएसपी और सिमरनजीत सिंह मान का प्रत्याशी भी यहां चुनाव लड़ रहा है। हर दल अपने हिस्से के वोट प्राप्त करेगा। इस बार यहां चुनाव पूरी तरह से अलग है। पटियाला में बहुकोणीय मुकाबला है।
आप अकेले प्रचार कर रही हैं, चुनाव प्रचार में अमरिंदर सिंह की कमी आप कैसे पूरी कर रही हैं?
मैं कैप्टन साहब को मिस कर रही हूं। वो हमारी ऊर्जा के सोर्स हैं। वह इस समय बीमार हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वो प्रचार में शामिल होंगे। हम बीजेपी में बहुत मेहनत कर रहे हैं। मेरे बेटे रनिंदर सिंह पिछले चार दिनों में 80 गांव कवर कर चुके हैं। इन किसानों ने वहां भी उसे धमकी दी। अब उनका आंदोलन आम आदमी को परेशान कर रहा है। इसी वजह से बरनाला के व्यापारियों ने किसानों को अल्टीमेटम दे दिया है।
क्या राम मंदिर मुद्दे से आपको मदद मिलेगी?
राम मंदिर का मुद्दा पटियाला के कई हिस्सों में पॉजिटिविटी लेकर आया। यहां के हर गांव में शोभा यात्रा निकाली गई और सभी ने इसमें हिस्सा लिया। यह वोट मोदी जी को जाना चाहिए। वो गुरुवार को पटियाला आ रहे हैं, इससे मुझे मदद मिलेगी। वह भारत के सबसे बड़े नेता हैं। उनकी रैली हमारे कैंपेन को और गति देगी।
पटियाला में आप अपनी प्रतिद्वंदी पार्टियों की संभावनाओं को कैसे देखती हो?
कांग्रेस पार्टी केंद्र में सरकार नहीं बना रही है। लोग उसे वोट नहीं देंगे। AAP का सत्ता में आने का एक पैटर्न है। वे मीडिया और सोशल मीडिया का व्यापक इस्तेमाल करते हैं। अन्यथा धरातल पर कुछ भी नहीं है। भ्रष्टाचार ऑल टाइम हाई है। वे सिर्फ झूठे दावे करते रहते हैं। अकालियों की कोई मौजूदगी नहीं है।