Lok Sabha Chunav 2024: पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह मौजूदा लोकसभा चुनावों के दौरान राज्य में भारतीय जनता पार्टी के प्रचार अभियान से बिल्कुल नदारद रहे। वह गुरुवार को पटियाला हुई पीएम मोदी की रैली में भी नहीं दिखाई पड़े। इस सीट से उनकी पत्नी परनीत कौर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। इस समय चल रहे लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी की यह पहली रैली थी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के एक करीबी ने बताया कि पूर्व सीएम ने बुधवार को पीएम मोदी को लेटर लिखकर बताया था कि वह रैली में शामिल नहीं हो पाएंगे। उनकी तबीयत खराब है। उन्होंने आगे बताया कि अमरिंदर ने ही बताया था कि वह पटियाला में उनकी पत्नी के समर्थन में रैली करें। कैप्टन अमरिंदर सिंह उस समय भी गायब रहे थे जब उनकी पत्नी परनीत नॉमिनेशन फाइल करने के लिए गईं थी। पंजाब के बीजेपी के प्रवक्ता प्रीतपाल सिंह ने बताया कि अमरिंदर सिंह अस्वस्थ्य हैं। प्रीतपाल सिंह इस समय पटियाला लोकसभा सीट से पार्टी के प्रभारी हैं।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते प्रचार से रहे गायब
बलियावाल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया है। वह इसी वजह से अपनी पत्नी के नॉमिनेशन में नहीं जा सके थे। बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई। हम उनके चुनाव प्रचार में शामिल होने का इंतजार कर रहे थे कि उन्हें गैस्ट्रोएंटेराइटिस हो गया। उन्हें ड्रिप लगी हुई थी और वे थका हुआ महसूस कर रहे थे। पीएम मोदी ने जिस दिन यह रैली की थी उस दिन यह तय किया गया था कि वे उनके साथ मंच पर नजर आएंगे। हालांकि, वह काफी कमजोर महसूस कर रहे थे और बोल नहीं सके थे। उन्होंने रैली में शामिल नहीं होने की वजह से पीएम मोदी को एक लेटर लिखा था। इसको उनकी पत्नी ने मंच पर पीएम मोदी को दिया था।
अमरिंदर राज्य में बीजेपी के बड़े नेता
पटियाला राजघराने के वंशज अमरिंदर कांग्रेस के दिग्गज नेता और दो बार के सीएम रह चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपील की थी कि वह ना केवल पंजाब में चुनाव प्रचार को धार देंगे बल्कि दूसरे राज्यों में भी उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। इस समय अमरिंदर राज्य में बीजेपी के सबसे बड़े नेता हैं। उन्होंने सितंबर 2022 में अपने अलग हुए संगठन पंजाब लोक कांग्रेस का बीजेपी में मिला लिया था। फरवरी 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी नेतृत्व द्वारा उनकी जगह चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ दिया था। इसी के बाद आम आदमी पार्टी सत्ता में आई।
भाजपा पंजाब में अकेले लड़ रही चुनाव
भाजपा इस बार पंजाब में सुखबीर बादल के नेतृत्व वाली शिरोमणि अकाली दल के बिना लोकसभा चुनाव लड़ रही है। राज्य में अपने दम पर अपनी पैठ बढ़ाने के लिए भाजपा अपनी सभी 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। यहां पर 1 जून को सातवें और आखिरी फेज में वोटिंग होनी है। अमरिंदर के चुनाव प्रचार में शामिल ना होने की वजह से इसको बीजेपी के लिए एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
वह सोशल मीडिया पर भी खामोश ही रहे। इसकी वजह से पार्टी हलकों में चिंता और बढ़ गई। हालांकि, पटियाला में पीएम मोदी की सभा के बाद प्रधानमंत्री ने लोगों का आभार जताया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री परनीत ने कांग्रेस के टिकट पर चार बार चुनाव जीता है। इस बार उनका मुकाबला सत्तारूढ़ आप, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के खिलाफ है।
अपने चुनाव प्रचार के दौरान आंदोलनकारी किसानों ने उनका घेराव किया है। 4 मई को घनौर विधानसभा क्षेत्र के राजपुरा के पास सेहरी गांव में चुनाव प्रचार के दौरान एक किसान की मौत हो गई थी। घनौर से उनके अभियान प्रभारी हरविंदर सिंह हरपालपुर पर पुलिस ने इस मामले में धारा 304 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया है। इसके बाद वह फरार है। परनीत कौर ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह मेरे सबसे बड़े समर्थक हैं। मुझे उम्मीद है कि वह चुनाव अभियान में शामिल हो पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अमरिंदर को कई दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में उन्हें एक अन्य बीमारी ने जकड़ लिया।
कांग्रेस ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने अमरिंदर सिंह के चुनाव प्रचार से गायब होने पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह के बारे में कुछ भी नहीं बोलना चाहता। वह हमारे सीएम रहें हैं। वे बुजुर्ग हैं। शायद उनमें रैली में हिस्सा लेने की ताकत नहीं है। उनको आराम करने दीजिए। अमरिंदर ने 2017 के विधानसभा चुनावों में राज्य में कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान को धार दी। उन्होंने तत्कालीन सत्तारूढ़ शिअद-भाजपा अलायंस को हराकर 117 में से 77 सीटें जीतीं। उन्होंने इस अलायंस को बाहर का रास्ता दिखाया। 2019 के लोकसभा चुनावों में भी उन्होंने काफी चुनाव प्रचार किया। इससे कांग्रेस पार्टी को 13 में से 8 सीटें मिलीं। इसमें से शिअद और भाजपा को 2-2 सीटें मिलीं।