पंजाब में आमतौर पर विपक्ष द्वारा विभिन्न मसलों पर केंद्र के दिशानिर्देशों के विपरीत चलने का आरोप झेलती आई पंजाब सरकार ने एक बार फिर केंद्र के साथ टकराव का रास्ता चुन लिया है। प्रदेश के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने सोमवार को केंद्रीय वित्तमंत्री को चिट्ठी लिखी जिसमें उन्होंने जीएसटी मुआवजे पर प्रदेशों को केंद्र द्वारा सुझाए दोनों विकल्प सिरे से ठुकरा दिए।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र पर महामारी के संकट में भी सहायता नहीं करने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार के साथ कोरोना महामारी के बीच कई अहम मुद्दों पर पंजाब सरकार गाहे-बगाहे भिड़ती ही रहती है। फिर बात चाहे वित्तीय मसलों के हल की हो, जेईई-नीट परीक्षा को लेकर उसे सुप्रीम कोर्ट में घसीटने की हो, जीएसटी मुआवजे का मसला हो, एसवाईएल विवाद हो, कृषि अध्यादेश हो या फिर इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2020 की क्यों न हो, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नीत पंजाब सरकार इन सभी मसलों पर केंद्र को घेरने का कोई मौका अपने हाथ से जाने नहीं देती।
हाल ही में, द इंडियन एक्सप्रेस के ‘आइडिया एक्सचेंज’ कार्यक्रम में अमरिंदर सिंह ने कहा था कि केंद्र ने पंजाब को केवल 101 करोड़ रुपए की राशि दी है, जबकि वह पहले ही सूबे में महामारी से लड़ाई पर 500 करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं। अब उन्होंने जीएसटी मुआवजा अदा करने को लेकर केंद्र को निशाने पर लिया।
जेईई-नीट परीक्षा के आयोजन को लेकर पंजाब सरकार पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर चुकी है अमरिंदर सिंह का कहना है कि पंजाब में कोविड-19 संक्रमण बढ़ता जा रहा है, ऐसे में वह नहीं चाहते कि प्रदेश के बच्चे भी संक्रमण की जद में आने का जोखिम उठाएं।
हाल ही में अमरिंदर सिंह पंजाब विधानसभा में केंद्र के कृषि अध्यादेश व ऊर्जा सुधार के खिलाफ एक प्रस्ताव लेकर आए थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ एसवाईएल मसले पर बुलाई बैठक में अमरिंदर सिंह ने अपनी ओर से वहां उन्हें घेरने में कोई कसर नहीं रखी और यहां तक कह दिया था कि पंजाब के पास हरियााणा को देने के लिए पानी की एक बूंद तक नहीं। उन्होंने सीधे तौर पर एसवाईएल का शेष हिस्सा बनाने से इस तर्क के साथ इनकार कर दिया कि वह कभी नहीं चाहते कि पंजाब में उग्रवाद का काला दौर लौटकर आए।
और तो और, पंजाब ने केंद्र के पूर्णबंदी में छूट संबंधी दिशानिर्देश मानने से भी इनकार कर दिया जिसमें केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकारों को उनके यहां कर्फ्यू और पूर्णबंदी से हाथ खींच लेने को कहा है लेकिन पंजाब में ये सब अब भी जारी है। हालांकि, इन सूरत-ए-हाल पर मनप्रीत सिंह बादल का कहना है कि इन सबमें केंद्र के साथ टकराव जैसा कुछ भी नहीं बल्कि ये सब ‘मसले उठाने का जरिया हैं और आगे रास्ता तलाशने का प्रयास भी।’
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र पर कोरोना महामारी के संकट में भी सहायता नहीं करने का आरोप लगाया। प्रदेश के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने जीएसटी मुआवजे पर केंद्र द्वारा सुझाए दोनों विकल्प सिरे से ठुकरा दिए बात चाहे वित्तीय मसलों के हल की हो, जेईई-नीट परीक्षा को लेकर उसे सुप्रीम कोर्ट में घसीटने की हो, जीएसटी मुआवजे का मसला हो, एसवाईएल विवाद हो, कृषि अध्यादेश हो या फिर इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2020 की क्यों न हो, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नीत पंजाब सरकार इन सभी मसलों पर केंद्र को घेरने का कोई मौका अपने हाथ से जाने नहीं देती।

