बीते दिनों कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी पर खूब हंगामा हुआ था। पार्टी के भीतर ही इस कदम की खूब आलोचना हुई थी। अब द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और इसके संदर्भ में एक पुराना किस्सा भी साझा किया।

दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछा गया था कि कुछ कांग्रेसी नेता इस सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी से नाराज हैं लेकिन चिट्ठी लिखने वाले नेताओं का दावा है कि उन्होंने कई बार मुद्दों को उठाने की कोशिश की लेकिन उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया? इसके जवाब में अमरिंदर सिंह ने कहा कि “मुझे भी चिट्ठी को लेकर नाराजगी है, जहां तक चिट्ठी लिखने वाले नेताओं की बात है तो कोई ये कैसे कह सकता है? सोनिया गांधी कैसे कह सकती हैं कि वह पार्टी के 20 वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात नहीं करेंगी? उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा होगा।”

अमरिंदर सिंह ने कहा कि “क्या उन नेताओं ने (चिट्ठी लिखने वाले नेता) सोनिया गांधी को या राहुल गांधी को इस बारे में बताया और ये कहा कि वह इन मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं। ऐसा किया जाना चाहिए था। हम नाराज नहीं हैं लेकिन हमें लगता है कि यह तय प्रक्रिया के तहत होना चाहिए था।”

इसके बाद पंजाब के सीएम ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ वाला एक किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि “1980 में मैं पहली बार सांसद चुना गया था। इस दौरान मैंने एक अखबार से कहा था कि मैं पंजाब के तत्कालीन सीएम से सहमत नहीं हूं। उस दौरान इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी। दोपहर के समय मुझे सेंट्रल हॉल में संदेश मिला कि प्रधानमंत्री मुझसे मिलना चाहती हैं।”

“जब मैं वहां पहुंचा तो उन्होंने पूछा कि क्या तुमने ये लिखा है? मैंने हां कहा। इस पर उन्होंने पूछा कि क्यों तो मैंने कह दिया मैं ऐसा महसूस करता हूं इसलिए मैंने ये कहा। इस पर इंदिरा गांधी ने पूछा कि क्या तुम जानते हो कि उन्हें सीएम किसने बनाया है? इस पर मैंने कहा कि आपने।”

अमरिंदर सिंह ने याद करते हुए बताया कि “इसके बाद इंदिरा गांधी ने कहा कि तुम्हें नहीं लगता कि तुम मेरे विवेक के खिलाफ लिख रहे हो? उन्हें सीएम मैंने बनाया है और अगर तुम्हे कोई दिक्कत है तो सीएम से मिलो या फिर मुझे बताओ लेकिन इस तरह अखबारों में मत लिखो।”