CAA विवाद: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल (SAD) को केंद्र में राजग (NDA) गठबंधन छोड़ने की चुनौती दी। एक दिन पहले अकाली ने सीएए (CAA) पर अपने रुख को लेकर दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Election) नहीं लड़ने का फैसला किया। हालांकि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए उन्हें ‘हास्यास्पद’ बयान नहीं जारी करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से गांधी परिवार के प्रति उनकी ‘चापलूसी’ और ‘परिवार को खुश रखकर अपनी कुर्सी बचाने’ की इच्छा ही जाहिर होती है।

बयानबाजी जारी: वहीं पंजाब में कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ ने कहा कि दिल्ली में SAD और भाजपा के बीच गठबंधन न होना भाजपा की अकाली के मौजूदा नेतृत्व से दूरी बनाने की ‘सोची-समझी रणनीति’ का हिस्सा है। जाखड़ ने आरोप लगाया कि SAD के मौजूदा नेतृत्व से दूरी बरतने की यह भाजपा की सोची समझी रणनीति है, क्योंकि मादक पदार्थों की तस्करी और बेअदबी के दाग के चलते यह उन पर बोझ बन गए हैं।

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पंजाब कांग्रेस प्रमुख: जाखड़ ने कहा कि अकाली नेतृत्व इस पार्टी को ‘बादल अकाली दल’ बनाना चाहती है। सिंह की चुनौती पर जवाब देते हुए अकाली प्रमुख ने कहा कि वह यह स्पष्ट करें कि क्या वह सताए हुए सिखों को सीएए के तहत मिलनेवाली नागरिकता के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि SAD को ‘विफल’ मुख्यमंत्री से किसी सीख की जरूरत नहीं है।

क्या है मामला: गौरतलब है कि शिरोमणी अकाली दल ने सोमवार को कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर सहयोगी भाजपा द्वारा उसका रुख बदलने के लिए कहे जाने की वजह से वह अगले महीने होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में नहीं उतरेगी। SAD की राय है कि मुसलमानों को सीएए के दायरे से बाहर नहीं रखा जाना चाहिये।