केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्र शासित राज्य चंडीगढ़ के तीन शीर्ष अधिकारियों को लेकर आरटीआई में बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल इन तीन अधिकारियों ने 2015 में पेरिस में एक मीटिंग के लिए यात्रा की। यह यात्रा मूल रूप से तीन दिनों की थी लेकिन इसके लिए अधिकारियों ने वहां सात दिन बिताए।

बैठक के लिए पहले से बुक किए गए एकॉमडेशन को उन्होंने पांच सितारा होटल में शिफ्ट किया। इसके चलते यात्रा में प्रशासन से स्वीकृत की गई राशि से 40 फीसदी अधिक खर्च आया। वहीं इस खर्च को अधिकारियों ने आपस में ही क्लियर करवा लिया।

किसको कितनी राशि हुई थी मंजूर:

इसके एक महीने बाद उनमें से दो अधिकारियों ने इस यात्रा पर खर्च हुई अतिरिक्त राशि को मंजूरी देने के आदेश भी जारी किए थे। गौरतलब है कि द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा द्वारा आरटीआई रिकॉर्ड की समीक्षा से पता चला है कि 15-17 जून 2015 को चंडीगढ़ के डिजाइनर ले कॉर्बूसियर से जुड़ी एक बैठक में भाग लेने के लिए तत्कालीन यूनियन टेरिटरी सलाहकार विजय देव को 6.5 लाख रुपये, गृह सचिव अनुराग अग्रवाल को 5.6 लाख रुपये और पर्सनल सेक्रेटरी विक्रम देव दत्त को 5.7 लाख रुपये मंजूर किये गये थे।

स्वीकृत राशि से 40 फीसदी अधिक खर्च हुआ:

रिकॉर्ड से पता चला है कि इन तीन आईएएस अधिकारियों ने बाद में होटलों को शिफ्ट करते हुए 12 से 18 जून 2015 तक पेरिस में रहने के दौरान 25 लाख रुपये से अधिक खर्च किए। यह राशि मूल रूप से स्वीकृत हुई राशि से लगभग 40% अधिक थी।

रिकॉर्ड के मुताबिक उस यात्रा के लगभग एक महीने बाद यूनियन टेरिटरी(UT) की प्रशासन ईकाई ने आदेश जारी करते हुए विजय देव द्वारा मूल राशि से अधिक खर्च हुई राशि को मंजूरी दे दी। वहीं विजय देव ने भी आदेश जारी करते हुए विक्रम देव दत्त और अनुराग अग्रवाल की यात्राओं के लिए खर्च हुए अतिरिक्त राशि को मंजूरी दे दी। ऐसे में अधिकारियों ने खुद ही एक दूसरे की यात्राओं पर हुए अधिक खर्च को मंजूरी दे दी।

आदेशों में कहा गया है कि वास्तविक व्यय के कारण भुगतान के लिए संशोधित हुई राशि को स्वीकृति प्रदान की गई। रिकॉर्ड से पता चलता है कि पेरिस यात्रा से एक दिन पहले 10 जून 2015 को देव के लिए 6 लाख 57 हजार 775 रुपये मंजूर किए गए थे। आदेश में कहा गया था कि 12 जून से 18 जून तक विजय देव की आधिकारिक यात्रा में भाग लेने के लिए मंजूरी देता है। जोकि ले कॉर्बूसियर के वास्तुशिल्प कार्य मालिकों की बैठक 15 जून से 17 जून तक विला सेवॉय (पोइसी में) में आयोजित की जाएगी।”

ऐसे में रिकॉर्ड दिखाते हैं कि एवेन्यू मार्सेउ पर इंटरकांटिनेंटल होटल में देव के आवास पर 4.39 लाख रुपये खर्च किए जाने थे। वहीं दिल्ली से बिजनेस क्लास के रिटर्न टिकट पर 1.77 लाख रु. और दैनिक भत्तों पर कुल 40,320 रुपये खर्च होने थे। इसके अलावा बाकी अन्य खर्चों भी शामिल थे।

चंडीगढ़ प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के स्तर के नौकरशाहों को आधिकारिक यात्राओं के लिए बिजनेस क्लास रिटर्न टिकट की अनुमति है।

हालांकि, RTI रिकॉर्ड बताते हैं कि तीन IAS अधिकारी एक लक्जरी होटल ले रॉयल मोंसेउ में शिफ्ट हो गए। जहां कमरे का किराया लगभग दोगुना था। उदाहरण के लिए जहां विजय देव के ठहरने के लिए 4.39 लाख रुपये तय थे वहीं इस होटल में 9.10 लाख रुपये खर्च किए गए।

उनकी वापसी के एक महीने से अधिक समय बाद 27 जुलाई 2017 को जारी किए गए एक नए आदेश में कहा गया है कि विजय देव की आधिकारिक यात्रा पर वास्तविक खर्च के लिए 11,28,971 रुपये के भुगतान के लिए संशोधित स्वीकृति प्रदान की जाती है। वहीं विजय देव ने विक्रम दत्त के लिए 6.78 लाख रुपये और अनुराग अग्रवाल के लिए 6.61 लाख रुपये के संशोधित व्यय को मंजूरी दे दी।

बता दें कि विजय देव मौजूदा समय में दिल्ली और चंडीगढ़ के राज्य चुनाव आयुक्त हैं। वहीं विक्रम देव दत्त एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं और अनुराग अग्रवाल हरियाणा में मुख्य चुनाव अधिकारी हैं।