आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने पंजाब में अपनी ही सरकार का विरोध किया है। बुधवार को पंजाब सरकार द्वारा ड्रग तस्करों की संपत्ति ध्वस्त करने का विरोध करते हुए पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि बुलडोजर चलाना समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरी राय में किसी का घर नहीं गिराया जाना चाहिए।
मीडिया से बात करते हुए हरभजन सिंह ने कहा, “ड्रग्स बेचने वालों को गिरफ़्तार किया जाना चाहिए। लेकिन मेरी राय में किसी का घर नहीं गिराया जाना चाहिए। मैं संपत्ति पर बुलडोजर चलाने के पक्ष में नहीं हूं।”
क्रिकेटर से नेता बने हरभजन ने कहा, “अगर किसी ने अपने लिए घर बनाया है, किसी के पास छत है तो उसे नहीं गिराया जाना चाहिए। मुझे नहीं पता कि उसने संपत्ति बनाने के लिए किस साधन का इस्तेमाल किया है लेकिन अगर किसी गरीब आदमी के पास छत है, तो उसे नहीं गिराया जाना चाहिए। कार्रवाई की जानी चाहिए और उन्हें बताया जाना चाहिए कि यह व्यवसाय हानिकारक है लेकिन बुलडोजर चलाना इसका समाधान नहीं है। अगर हम किसी के घर को गिराते हैं जिसमें सात से आठ लोग रह रहे हैं तो यह सही नहीं है। इस मुद्दे को संभालने के लिए बेहतर समाधान हैं।”
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सरकारी संपत्ति पर कब्जा करना आसान नहीं- हरभजन सिंह
जब उनसे ड्रग तस्करों द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा करके अपने घर बनाने के बारे में पूछा गया तो हरभजन सिंह ने कहा, “सरकारी संपत्ति पर कब्जा करना आसान नहीं है। लेकिन, अगर किसी ने ऐसा किया है तो सरकार को उसे वापस ले लेना चाहिए लेकिन तोड़फोड़ इसका समाधान नहीं है।”
पंजाब में ड्रग तस्करों की संपत्तियों को ध्वस्त करने के खिलाफ बोलने वाले हरभजन सिंह पहले व्यक्ति हैं। वहीं, विपक्षी दलों ने भी सरकार की इस कार्रवाई का विरोध नहीं किया है। सरकार इसे तस्करों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के रूप में पेश कर रही है ताकि राज्य में ड्रग व्यापार की चेन को तोड़ा जा सके।
पार्टी लाइन से अलग हटकर राम मंदिर समारोह में भी गए थे भज्जी
यह पहली बार नहीं है जब हरभजन सिंह ने अपनी पार्टी लाइन का पालन नहीं किया है। पिछले साल जनवरी में उन्होंने कहा था कि वह 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे और इस बात की परवाह नहीं करते कि दूसरे लोग इसमें शामिल नहीं होना चाहते। उस दौरान हरभजन सिंह ने कहा था, “मैं जाऊंगा। कोई चाहे या न चाहे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कांग्रेस जाना चाहती है या नहीं, लेकिन मैं जरूर जाऊंगा। वह उस समय एकमात्र आप नेता थे जिन्होंने ऐसा रुख अपनाया था जिसे पार्टी से अलग माना गया था। पढ़ें- देशभर के मौसम का हाल