पुणे पोर्श कार केस मामले में फंसे नाबालिग आरोपी के परिवार पर एक अन्य मामला दर्ज किया गया है। जिसमें उसके दादा-पिता और तीन अन्य लोगों के ऊपर आरोप है कि वह एक व्यवसायी के बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में शामिल थे। 

एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पुलिस उनके खिलाफ शहर में एक व्यवसायी के बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित एक अलग मामला दर्ज किया है।

क्या है मामला? 

पुलिस के मुताबिक इस संबंध में पुणे के वडगांव शेरी क्षेत्र में रहने वाले एक व्यवसायी  डी एस कतुरे नाम के एक शख्स ने विनय काले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिससे  व्यवसायी के बेटे शशिकांत कतुरे ने कर्ज लिया हुआ था। शशिकांत कतुरे जब कर्ज नहीं चुकाया तो विनय काले ने उसे परेशान करना शुरू किया और उसके पैसे पर ब्याज लगा दिया।

उत्पीड़न से तंग आकर शशिकांत कातुरे ने इस साल जनवरी में आत्महत्या कर ली थी। शहर के चंदननगर पुलिस स्टेशन में काले के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच के दौरान आत्महत्या के मामले में किशोर के पिता (एक बिल्डर), दादा और तीन अन्य की भूमिका सामने आई। नाबालिग आरोपी के दादा फिलहाल जेल में हैं। अब यह मामला सामने आने के बाद उनकी मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं।

पुणे पोर्श कार केस में आए दिन एक नया खुलासा हो रहा है। इस मामले में नाबालिग के पिता, माता, दादा समेत दो डॉक्टर भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इस केस में ब्लड सैंपल बदलने का मामला भी सामने आया था जिसमें ससुन अस्पताल के डॉक्टर भी शामिल थे। हालांकि नाबालिग की मां ने कहा था कि उन्हे यह सलाह गिरफ्तार डॉक्टर ने ही दी थी। अब इस मामले पुणे पुलिस लगातार तेज कार्रवाई कर रही है और जांच में जुटी है।