चालीस साल लंबी शादीशुदा जिंदगी में राशिदा को अपने पति शब्‍बीर पूनावाला से कई तरह के गिफ्ट मिले। हालांकि, इस बार वैलेंटाइंस डे से ऐन पहले उन्‍होंने अपने पति को एक बड़ा तोहफा दिया। राशिदा ने अपने पति को अपना किडनी दे दिया। राशिदा की उम्र 60 साल है, जबकि उनके पति शब्‍बीर 63 साल के हैं। शब्‍बीर ने पुणे न्‍यूजलाइन से बातचीत में गुरुवार को कहा कि मेरा दिया कोई गिफ्ट उसकी बराबरी नहीं कर सकता, जो मेरी पत्‍नी ने दिया है।

राशिदा के लिए अच्‍छी बात यह भी रही क‍ि उनका और पति का ब्‍लड ग्रुप एक ही है। राशिदा ने कहा, ”मेरे पति डायबिटीक और हायपरटेंशन के शिकार हैं। वे बीते दो साल से डायलिसिस पर हैं। हफ्ते में तीन बार होने वाली चार घंटे लंबी डायलिसिस की प्रक्रिया के लिए इंतजार करना एक मुश्‍क‍िल काम है। जब मेरे पति की हालत थोड़ी बेहतर हुई तो डॉक्‍टर ने ट्रांसप्‍लांट का सुझाव दिया। हम इस आइडिया को खारिज नहीं कर सके।”शब्‍बीर की सेहत जब थोड़ी सुधरी तो परिवार में किडनी ट्रांसप्‍लांट के लिए चर्चा शुरू हुई। शब्‍बीर के तीन बेटे मुर्तजा, इब्राहिम और हुजीफा ने अपना किडनी देने की पेशकश की। ऐसा इसलिए भी क्‍योंकि उन सभी का ब्‍लडग्रुप एक ही ए पॉजिटिव था। हालांकि, राशिदा इस बात पर अड़ी रहीं कि वे ही अपने पति को किडनी देंगी।

ट्रांसप्‍लांट मंगलवार को शहर के नोबल अस्‍पताल में हुआ। हालांकि, इससे पहले लंबी मेडिकल प्रक्रिया चली। डॉक्‍टरों का कहना है कि जोडीदारों के बीच किडनी ट्रांसप्‍लांट किया जाना कोई दुर्लभ मेडिकल घटना तो नहीं, लेकिन दोनों के ब्‍लड ग्रुप मैच होने की संभावना अधिकतम 25 फीसदी तक ही होती है। ब्‍लड ग्रुप मिलने की सबसे ज्‍यादा संभावना माता पिता की होती है। बता दें कि पुणे में हर साल 100 से 125 किडनी ट्रांसप्‍लांट होते हैं। सबसे ज्‍यादा कॉमन मां द्वारा बेटे को किडनी दिया जाना है।