चीन ने पुलवामा हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को नामजद करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के बयान को सामान्य ठहरा दिया। शुक्रवार (22 फरवरी, 2019) को उसका कहना था कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन का जिक्र सिर्फ सामान्य संदर्भ में है। यह किसी फैसले को नहीं दर्शाता है।
बता दें कि चीन, यूएनएससी का स्थाई सदस्य देश है। ताजा टिप्पणी से उसने यूएनएससी के उस बयान को अधिक तवज्जो नहीं दिया, जिसमें परिषद ने आतंकी हमले की गुरुवार (21 फरवरी) को कड़ी आलोचना की थी। बयान के मुताबिक, “सुरक्षा परिषद के सदस्य देश जम्मू कश्मीर में हुए जघन्य और कायराना आत्मघाती हमले की सख्त निंदा करते हैं।” 14 फरवरी को हुए हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए, जिसकी जिम्मेदारी जैश ने ली थी।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग से पुलवामा हमले में जैश की भूमिका का जिक्र करने वाले बयान के बारे में पूछा गया। उन्होंने मीडिया से कहा कि चीन आतंकी घटना से जुड़े घटनाक्रमों पर करीबी नजर बनाए है। गुरुवार को यूएनएससी ने प्रेस बयान जारी, किया जिसमें एक खास संगठन का जिक्र है। पर वह सामान्य संदर्भ में है। यह हमले पर किसी फैसले को प्रर्दिशत नहीं करता।
शुआंग की प्रतिक्रिया को चीन की एक ऐसी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, जिसका लक्ष्य करीबी सहयोगी पाकिस्तान को शांत रखना और जेईएम को दोषी ठहराए जाने को कम तवज्जो देना है। याद दिला दें कि चीन संयुक्त राष्ट्र की आतंक रोधी 1267 कमेटी में जेईएम प्रमुख मसूद अजहर पर एक वैश्विक प्रतिबंध लगाने के लिए भारत और कई अन्य देशों की कोशिश में बार-बार अड़ंगा डालता रहा है।
वहीं, यूएनएसी के एक अन्य सदस्य देश फ्रांस ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि वह अजहर को सूचीबद्ध कराने के लिए 1267 कमेटी में जल्द ही एक प्रस्ताव लाएगा। गेंग ने आगे कहा कि चीन ने इस बात का भी जिक्र किया है कि पाकिस्तानी सरकार ने जांच में भारत के साथ सहयोग करने की तत्परता दिखाई है और वह वार्ता के जरिए भारत के साथ मतभेदों को दूर करने को तैयार है।
बकौल शुआंग, “चीन को उम्मीद है कि सभी पक्ष हमले की सच्चाई का पता लगाने के लिए काम करेंगे। हमें आशा है कि क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता की संयुक्त रूप से हिफाजत के लिए पाकिस्तान और भारत वार्ता करेंगे।”
उधर, भारत में ब्रिटिश हाई कमीशन के प्रवक्ता ने कहा, “यूके पहले भी यूएनएससीआर 1267 के तहत मसूद अजहर को सूचीबद्ध कराने के लिए समर्थन कर चुका है। हम फिर से इसमें उसका नाम शामिल कराने के लिए प्रयासरत हैं। हम इसके अलावा यूएनएससी के अन्य स्थाई सदस्यों से इस संबंध में मदद ले रहे हैं।” (भाषा इनपुट्स के साथ)