बिहार के बड़हिया रेलवे स्टेशन पर कई एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग के चलते स्थानीय लोगों के आंदोलन से कई ट्रेने प्रभावित हुई हैं। इसके चलते अन्य यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। बता दें कि आंदोलन की वजह से पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के मोकामा-किउल खंड पर रेल यातायात बाधित होने के चलते कम से कम 35 ट्रेनें रद्द हो गई हैं और 56 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है।
क्या है विवाद: लखीसराय के जिलाधिकारी संजय कुमार ने इसको लेकर जानकारी दी कि पटना से लगभग 120 किलोमीटर दूर स्टेशन पर बड़ी संख्या में लोग अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके चलते आंदोलनकारी पटरियों पर बैठ गए। उनकी मांग है कि स्थानीय यात्रियों की सुविधा के लिए बड़हिया में कई एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टॉपेज निर्धारित समय से किया जाए।
आंदोलनकारियों को अपना आंदोलन वापस लेने के लिए डीएम और रेलवे डीएसपी इमरान परवेज ने मनाने के कई प्रयास किये। लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका। वहीं हालत यह रही कि आंदोलनकारी पटरियों पर भोजन बनाने लगे।
हाजीपुर में ईसीआर मुख्यालय के मुताबिक जिन ट्रेनों को रद्द किया गया है उनमें राज्य को कोलकाता, सियालदह और जसीडिह से जोड़ने वाली चार एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं। ईसीआर की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि लंबी दूरी की 29 ट्रेनों को वैकल्पिक मार्गों से चलाया गया। जिनमें हावड़ा-दिल्ली एक्सप्रेस, आसनसोल-छत्रपति शिवाजी टर्मिनस एक्सप्रेस, अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस और कामाख्या-दिल्ली एक्सप्रेस प्रमुख हैं।
बता दें कि बड़हिया स्टेशन दानापुर मंडल के अंतर्गत आता है। इस रेलवे स्टेशन पर 10 ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने रविवार को रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया। धरने के चलते किऊल से पटना जंक्शन के बीच ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया। जिसकी वजह से आम यात्रियों को समस्या हुई।
वहीं रविवार सुबह अपनी मांगों को लेकर बड़हिया स्टेशन पर लोग सुबह दस बजे से ही जमा होने लगे और हंगामा करने लगे। प्रदर्शनकारी पटरियों पर तंबू लगाकर वहां बैठ गये। इसके चलते पटना के रास्ते गुजरने वाली दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेल लाइन पर कई घंटों से ट्रेनों का परिचालन बाधित है।