भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल का मंगलवार को पुलिसकर्मियों के साथ उस समय विवाद हो गया, जब उन्हें पुलिस कर्मियों ने घर-घर प्रचार करने से कथित तौर पर रोक दिया। तीस सितंबर को होने वाले उपचुनाव में तृणमूल प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से चुनावी मुकाबला कर रही टिबरेवाल ने कहा कि वह “पुलिस कार्रवाई” के खिलाफ चुनाव आयोग से संपर्क करेंगी।

इलाके में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें कोविड​​​​-19 की स्थिति के मद्देनजर लोगों के एक बड़े समूह के साथ नहीं जाने के लिए कहा गया, लेकिन वह कर्मियों के साथ बहस करती रहीं। हालांकि, टिबरेवाल ने दावा किया कि उन्हें पुलिसकर्मियों और तृणमूल समर्थकों ने क्षेत्र के कुछ हिस्सों में, यहां तक ​​कि छोटे समूहों में भी प्रचार नहीं करने दिया।

उन्होंने कहा, “पुलिस ने मुझे मतदाताओं के साथ बातचीत करने से रोक दिया। मैं पुलिस के इस आचरण के खिलाफ जल्द ही चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाऊंगी। मैं चुनाव आयोग से यह भी अनुरोध करूंगी कि वह उपचुनाव के दिन भवानीपुर थाने के प्रभारी अधिकारी को ड्यूटी पर न रखे।’’ उनके आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा, “टिबरेवाल भवानीपुर में चुनाव हारने वाली हैं, और इसलिए वह नाटक कर रही हैं।”

बता दें कि ममता को टक्कर देने के लिए वकील प्रियंका टिबरेवाल को चुना गया है। इससे पहले प्रियंका टिबरेवाल इस साल हुए विधानसभा चुनाव में भी एंटली सीट से बीजेपी उम्मीदवार थीं। लेकिन तृणमूल के स्वर्ण कमल ने उन्हें हरा दिया था। प्रियंका को साल 2015 में भी ‌‌बीजेपी ने कोलकाता नगर निगम चुनाव में उम्मीदवार बनाया था, तब भी उन्हें TMC के उम्मीदवार ने हरा दिया था।

बता दें कि ममता बनर्जी विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर भाजपा के सुवेंदु अधिकारी से हार गयी थीं। उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए इस उपचुनाव में जीत हासिल करनी होगी। बनर्जी को पांच नवंबर तक राज्य विधानसभा की सदस्यता प्राप्त करनी होगी।

बता दें कि ममता बनर्जी 2011 से दो बार भवानीपुर सीट पर चुनाव जीत चुकी हैं। गौरतलब है कि साल 2011 में भी ममता ने भवानीपुर से उपचुनाव लड़ा था। उस वक्त उन्होंने विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। उपचुनाव में उन्हें यहां 77.46 प्रतिशत वोट मिले थे। बाद में 2016 के चुनाव में ममता बनर्जी को इस सीट से लगभग 48 प्रतिशत वोट मिले थे।