गंभीर आपराधिक मामलों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार या हिरासत में रहने पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को हटाने वाले बिल को प्रियंका गांधी ने क्रूर बताया है। प्रियंका गांधी ने बुधवार को संंसद परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं इसे पूरी तरह से क्रूर मानती हूं क्योंकि यह हर चीज के खिलाफ है। इसे भ्रष्टाचार विरोधी उपाय कहना लोगों की आंखों पर पर्दा डालने जैसा है।

उन्होंने आगे कहा कि कल आप मुख्यमंत्री के खिलाफ किसी भी तरह का केस दर्ज करा सकते हो, उन्हें बिना दोषी सिद्ध हुए 30 दिनों के लिए गिरफ्तार कर सकते हैं और फिर वह मुख्यमंत्री नहीं रह पाएंगे। यह पूरी तरह से संविधान-विरोधी, अलोकतांत्रिक और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

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राजद बोली- अभियुक्त और दोषी का फर्क मिट गया है

इस विषय पर राजद के सांसद मनोज झा ने कहा कि अभियुक्त और दोषी का पूरा फर्क मिट गया है। जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने ईडी पर टिप्पणी की थी कि वे राजनीतिक खेल का हिस्सा बन रहे हैं। वे किसी पर भी पीएमएलए का केस लगाकर उसे जेल में डाल देंगे।  यह एक चाल है। जहां आप चुनाव नहीं जीत सकते, वहां आपको विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की जरूरत नहीं है। बस उन्हें अस्थिर करके गिरा दो। मुझे लगता है कि गृह मंत्री अपनी ही पार्टी के कुछ लोगों को निशाना बनाना चाहते हैं।

सपा ने कसा तंज

सपा के सांसद राजीव राय ने इस बिल को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि कोई भी अपराधी होगा, वह या तो बीजेपी में शामिल हो जाए या इस बिल का उपयोग किया जाएगा। आपको याद होगा कि पीएम और गृह मंत्री जिन्हें जेल भेजने का दावा करते थे, वो बीजेपी में शामिल होते ही मुख्यमंत्री, मंत्री और गर्वनर बन गए। जो बीजेपी में नहीं शामिल होगा, उसपर इस बिल का प्रयोग होगा। ये एक खतरनाक हथियार होगा।

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