महाराष्ट्र सरकार के मंत्री जयंत पाटिल ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि राज्य पर ‘‘4 लाख 71 हजार करोड़ रुपये के कर्ज’’को देखते हुए क्या बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाओं को टाला जा सकता है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन समेत राज्य में जारी सभी विकास परियोजनाओं की समीक्षा करने का आदेश दिया है। पाटिल का यह बयान इसके बाद आया है ।

पाटिल ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘राज्य पर चार लाख 71 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है । हमलोग इस बात की समीक्षा कर रहे हैं कि राज्य के विकास के लिए कौन सी परियोजना महत्वपूर्ण है और क्या बुलेट ट्रेन जैसी परियोजनाओं को बाद के चरण के लिए रखा जा सकता है।’’

उन्होंने कहा कि इस परियोजना की व्यवहार्यता तथा राज्य सरकार को इसके लिए कितने पैसे चुकाने होंगे इस पर विचार करने के लिए सरकार ने एक बैठक बुलायी है। बुलेट ट्रेन परियोजना को किसानों और आदिवासियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है क्योंकि उसके लिए उनकी भूमि का अधिग्रहण होना है।

बता दें कि जापान भारत को इस प्रोजेक्ट के लिए सस्ते दाम पर लोन मुहैया करवा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर करीब एक लाख रुपए का खर्च निर्धारित किया गया है। जापान ने कहा है कि भारत 2050 तक लोन को आराम से भर सकता है। खास बात यह है कि गुजरात और महाराष्ट्र सरकार भी इस प्रोजेक्ट पर राशि खर्च करेगी। हालांकि महाराष्ट्र में  विधानसभा चुनाव से पहले प्रोजेक्ट को लेकर असमंजस की  स्थित नहीं थी।

हालांकि राज्य से बीजेपी सत्ता से बाहर हो चुकी है और शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर सत्ता का गठन किया है। सरकार का कहना है कि उनके लिए किसान पहले ज्यादा जरूरी हैं। शिवसेना की तरफ से कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट से ज्यादा फायदा नहीं इसलिए इसपर आगे नहीं बढ़ना चाहिए। बता दें कि मोदी सरकार ने इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन 15 अगस्त 2022 निर्धारित की है। इस दिन देश का 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा।

(भाषा इनपुट्स के साथ)