प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को छठा रामनाथ गोयनका व्याख्यान (Sixth Ramnath Goenka Lecture) देंगे। यह व्याख्यान, एक्सप्रेस ग्रुप के संस्थापक रामनाथ गोयनका के नाम पर स्थापित है और ऐसे वक्ताओं को आमंत्रित करता है जिन्होंने बदलाव को दिशा दी है और समकालीन चुनौतियों पर गंभीर और आलोचनात्मक सोच को प्रेरित किया है।

एक्सप्रेस ग्रुप के चेयरमैन विवेक गोयनका ने कहा, “यह व्याख्यान कोई समारोह नहीं, बल्कि सच बोलने, जवाबदेही और विचारों की ताकत के मूल्यों के प्रति एक प्रतिबद्धता है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह वह समय है जब दुनिया में शक्ति संतुलन बदल रहा है, जब देश अपनी भूमिका और उद्देश्य को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं, और जब अनिश्चितता और अस्थिरता हमारे समय के सबसे महत्वपूर्ण शब्द बन चुके हैं। ऐसे में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सर्वोच्च निर्वाचित पद का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रधानमंत्री को सुनना और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है।”

गोयनका ने कहा कि प्रधानमंत्री का रामनाथ गोयनका के नाम पर बोलना “इस बात का पुनर्पुष्टि है कि राज्य और स्वतंत्र प्रेस के बीच संवाद एक आत्मविश्वासी राष्ट्र की धड़कन है।”

रामनाथ गोयनका व्याख्यान श्रृंखला का पहला व्याख्यान द वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डैनियल पर्ल की पत्नी मैरिएन पर्ल ने दिया था, जिनकी पाकिस्तान में आतंकवादियों द्वारा हत्या कर दी गई थी।

इसके बाद जिन प्रमुख हस्तियों ने व्याख्यान दिया है उनमें शामिल हैं-

आरबीआई गवर्नर डॉ. रघुराम राजन, जिन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका पर दूरदृष्टिपूर्ण विचार रखे।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, जिन्होंने लोकतंत्र में मुक्त प्रेस की शक्ति पर अपने विचार साझा किए।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जिन्होंने न्यायपालिका से “फ्रंट फुट” पर आकर अपनी नैतिक और संस्थागत क्षमता को मजबूत करने का आह्वान किया।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, जिन्होंने बदलती दुनिया के अनुरूप दिल्ली की पुरानी धारणाओं से बाहर आने की जरूरत पर बात की।

और सबसे हाल में, तकनीकी विशेषज्ञ और समाजसेवी बिल गेट्स, जिन्होंने बताया कि कैसे तकनीक मानव जीवन को बदल रही है और सामाजिक परिवर्तन को आकार दे रही है।