प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मुंबई हमले के वक्त कांग्रेस ने घुटने टेक दिए थे और विदेशी दबाव में पाकिस्तान पर हमला नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवी मुंबई में एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के बाद एक कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
मोदी ने कहा, “मुंबई न केवल देश की आर्थिक राजधानी है बल्कि भारत के सबसे जीवंत शहरों में से भी एक है और यही कारण है कि 2008 में आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया था लेकिन उस वक्त की कांग्रेस सरकार ने कमजोरी का संदेश दिया और आतंकवाद के सामने घुटने टेक दिए।”
मोदी ने कहा, “कांग्रेस के एक बड़े नेता ने जो देश के गृहमंत्री तक रह चुके हैं, उन्होंने एक इंटरव्यू में बहुत बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि मुंबई हमले के बाद हमारी सेनाएं पाकिस्तान पर हमला करने को तैयार थीं, पूरा देश भी उस समय यही चाहता था लेकिन उस कांग्रेस नेता के मुताबिक किसी दूसरे देश के दबाव के कारण तब कांग्रेस सरकार ने भारत की सेनाओं को पाकिस्तान पर हमला करने से रोक दिया था।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “कांग्रेस को यह बताना होगा कि वह कौन था जिसने विदेशी दबाव में यह फैसला लिया, जिसने मुंबई और देश की भावना से खिलवाड़ किया और देश को यह जानने का हक है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इस कमजोरी ने आतंकवादियों को मजबूत किया, देश की सुरक्षा को कमजोर किया, जिसकी कीमत देश को बार-बार जानें गंवाकर चुकानी पड़ी।
मोदी ने आगे कहा, “हमारे लिए देश और देशवासियों की सुरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं है, आज का भारत दमदार जवाब देता है, आज का भारत घर में घुसकर मारता है और यह दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा भी है और गर्व की अनुभूति भी की है।”
आज ही के दिन नरेंद्र मोदी ने पहली बार ली थी संविधान की शपथ
चिदंबरम ने क्या कहा था पॉडकास्ट में?
यूपीए सरकार में गृह मंत्री रहे चिदंबरम ने एक पॉडकास्ट में कहा था कि मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के बाद वह पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करना चाहते थे। चिदंबरम ने कहा था कि तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस उनसे और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलने नई दिल्ली आई थीं और उन्होंने भारत से जवाबी सैन्य कार्रवाई न करने का आग्रह किया था।
चिदंबरम ने इस तरह के दावों का खंडन किया था कि अमेरिका ने भारत को मुंबई हमलों के बाद जवाबी कार्रवाई करने से रोका था।
‘आज देश में एक जीबी वायरलेस डेटा की कीमत एक कप चाय से भी कम…’