प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम पुणे के एक अस्पताल में भर्ती पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी से मुलाकात की और उनके साथ करीब 15 मिनट वक्त बिताया। शहर के बंड गार्डन इलाके में स्थित रूबी हॉल क्लीनिक के वरिष्ठ चिकित्सकों के मुताबिक प्रधानमंत्री शाम करीब छह बजे यहां पहुंचे। डॉक्टरों ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने शौरी के साथ 15 मिनट बिताए। उन्होंने बातचीत के दौरान शौरी को गले लगा लिया।’’उन्होंने बताया कि मोदी ने शौरी के कमरे के बाहर उनके परिजनों से भी बात की। अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक यह पूर्व नियोजित दौरा नहीं था।

शौरी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बताया कि पीएम मोदी का दौरा बेहद उल्लासपूर्ण था। उन्होंने कहा कि दोनों को अकेले में बात करने का कुछ वक्त मिला और उन्होंने पीएम को कुछ सुझाव भी दिए। डॉक्टरों ने बताया कि पीएम मोदी और शौरी ने पुरानी यादों को ताजा किया। शौरी का इलाज कर रहे न्यूरोसर्जन डॉक्अर सचिन गांधी ने कहा कि दोनों की बातचीत कई हल्के फुल्के पल भी रहे। डॉक्टर गांधी के मुताबिक, पीएम मोदी ने शौरी से कहा कि उनका इलाज करने वाला गुजराती है। इस पर शौरी ने जवाब दिया कि मेरा दोस्त (पीएम) भी गुजराती है।

रूबी हॉल क्लीनिक ने रविवार रात को जारी एक बयान में कहा कि शौरी को अगले कुछ दिनों में अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘पुणे में, मैंने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी जी से मुलाकात की। उनकी सेहत के बारे में जानकारी ली और उनके साथ शानदार बातचीत हुई। हम उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं।’’मुख्य हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. परवेज ग्रांट, न्यूरोसर्जन डॉ. सचिन गांधी मोदी को शौरी के कमरे तक लेकर गए।

पुलिस महानिरीक्षकों और पुलिस महानिदेशकों के तीन दिवसीय सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में शामिल होने के लिये प्रधानमंत्री पुणे में थे। शौरी यहां से करीब 60 किलोमीटर दूर लवासा में अपने बंगले के निकट टहलने के दौरान एक दिसंबर को गिर गए थे, जिसके बाद उनका इस अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने कहा था कि 78 वर्षीय पूर्व भाजपा नेता को दिमाग में चोट आई है और सूजन है। उन्होंने कहा कि शौरी के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।

इसमें कहा गया, ‘‘शौरी का बीते छह दिनों से सिर में लगी चोट के लिये रूबी हॉल क्लीनिक के आईसीयू में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों से उनके इलाज के बारे में जानकारी लेने के बाद प्रधानमंत्री अपने दोस्त से मिले। दोनों ने बेहद विनोदपूर्ण मनोभाव के साथ एक-दूसरे का अभिवादन किया और उनके स्वास्थ्य व अन्य मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान कई हल्के-फुल्के पल आए और दोनों ने अपनी 20 साल की दोस्तों को याद किया।’’

केंद्र में 1999 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में शौरी मंत्री थे हालांकि वह मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के मुखर आलोचना करते रहे, जिसके बाद सत्तारूढ़ दल से उनके रास्ते अलग हो गए। शौरी रेमन मैगसायसाय पुरस्कार पा चुके हैं और वह 1967 से 1978 के बीच विश्व बैंक में भी अर्थशास्त्री के तौर पर काम कर चुके हैं।

(भाषा इनपुट्स के साथ)