प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को छह राज्यों के छह शहरों में वैश्विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती-भारत (जीएचटीसी-भारत) के तहत हल्के मकानों से जुड़ी परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इसके तहत हर शहर में इस तरह के एक हजार आवासों का निर्माण किया जाना है जिसे एक साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक समारोह में मोदी ने सस्ते और टिकाऊ आवासीय उत्प्रेरक (एएसएचए- इंडिया) के तहत विजेताओं की घोषणा भी की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का फोकस गरीब और मध्यम वर्ग की जरूरतों पर है तथा शहर में रहने वाले लोगों की संवेदनाओं और भावनाओं को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले छह सालों में ऐसे कई कदम उठाए हैं जिनकी वजह से आम आदमी के घर खरीदने के विश्वास को बल मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘घरों की कीमतें इतनी ज्यादा हो गईं थी कि अपने घर का भरोसा टूटने लगा था। एक वजह ये थी कि कानून हमारा साथ देगा या नहीं, हाउसिंग सेक्टर की ये स्थिति थी कि लोगों को शंका थी कि गड़बड़ हो जाने की स्थिति में कानून उनका साथ नहीं देगा।’’
पीएम ने कहा कि अवसंरचना और निर्माण पर होने वाला निवेश विशेषकर आवासीय योजनाओं पर किया जा रहा खर्च अर्थव्यवस्था में ‘‘फोर्स मल्टीप्लायर’’ का काम करता है। हल्के मकान की परियोजना के बारे में मोदी ने कहा कि यह आधुनिक तकनीक और नवोन्मेषी प्रक्रिया से बनेंगे और इनके निर्माण में कम समय लगेगा।
उन्होंने कहा कि ये मकान गरीबों के लिए ज्यादा सुविधाजनक होंगे। उन्होंने बताया कि इन मकानों के निर्माण में फ्रांस, जर्मन और कनाडा जैसे देशों की आधुनिक और अग्रणी प्रौद्योगकिी का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘ये छह परियोजनाएं वाकई लाइट हाउस यानी प्रकाश स्तंभ की तरह हैं। ये छह परियोजनाएं देश में आवासीय निर्माण को नई दिशा दिखाएंगी।’’
फ्लैट्स का निर्माण जीएचटीसी- इंडिया के तहत किया जा रहा है। इन हल्के मकानों का निर्माण इंदौर, राजकोट, चेन्नई, रांची, अगरतला और लखनऊ में किया जा रहा है। पीएम के साथ इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अलावा त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री उपस्थित थे।
दूसरी तरफ दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की नयी हाउसिंग परियोजना दो जनवरी से शुरू होगी । इस परियोजना में करीब 1350 फ्लैट हैं । अधिकारियों ने यह जानकारी दी । एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत विभिन्न श्रेणियों के तहत 1350 फ्लैट हैं जो द्वारका, जसोला, मंगलापुरी, वसंत कुंज एवं रोहिणी में है । इस योजना को एक आनलाइन बैठक के दौरान हाल ही में मंजूरी दी गई थी। बताया गया है कि इनमें मध्य वेतन समूह (एमआईजी) के सबसे ज्यादा 757 फ्लैट हैं। 120-130 वर्ग मीटर स्पेस वाले इन फ्लैट्स की कीमत 1.1 करोड़ से 1.3 करोड़ के बीच रखी गई है।
दूसरी तरफ उच्च वेतन समूह (एचआईजी) के लिए 254 फ्लैट्स तय किए गए हैं। 162-167 वर्ग मीटर वाले इन फ्लैट्स की कीमत 1.9 से 2.1 करोड़ रुपए रखी गई है। निम्न वेतन वर्ग (एलआईजी) के लिए सबसे कम 52 फ्लैट्स ही तय किए गए हैं। 33-47 वर्ग मीटर क्षेत्र वाले इन फ्लैट्स की कीमत 21.4 से 23.5 लाख रुपए रखी गई है।