प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नवीनीकृत वडनगर रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया। गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित यह वही रेलवे स्टेशन है जिसके बारे में कहा जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने पिता के साथ यहां चाय बेचा करते थे। रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण होने के बावजूद टी स्टाल को वहीं रखा गया है और उसे धरोहर बना दिया गया है। वडनगर रेलवे स्टेशन के अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने कई अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।

वडनगर रेलवे स्टेशन को वडनगर-मोढेरा-पाटन हेरिटेज सर्किट के तहत विकसित किया गया है। इस स्टेशन पर बने इमारतों में पत्थरों की नक्काशी की गई है। साथ ही इस रेलवे स्टेशन को ब्रॉड गेज लाइन के माध्यम से भी भारत के दूसरे हिस्सों से जोड़ा गया है। इसके अलावा इस रेलवे स्टेशन पर पानी के फव्वारे भी लगाए गए हैं। साथ ही इस स्टेशन पर कैफे की व्यवस्था भी की गई है।

वडनगर रेलवे स्टेशन के डिजिटल उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज वडनगर भी इस Expansion का हिस्सा बन चुका है। मेरी तो वडनगर स्टेशन से कितनी ही यादें जुड़ी हैं। नया स्टेशन वाकई बहुत आकर्षक लग रहा है। इस नई ब्रॉडगेज लाइन के बनने से वडनगर-मोढेरा-पाटन हेरिटेज सर्किट अब बेहतर रेल सेवा से कनेक्ट हो गया है।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पुनर्विकसित गांधीनगर रेलवे स्टेशन का भी उद्घाटन किया। साथ ही गांधीनगर-वाराणसी ट्रेन और गांधीनगर-वरेथा मेमू ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई गई। इसके अलावा गांधीनगर रेलवे स्टेशन के ऊपर बने फाइव स्टार होटल का भी प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल तरीके से उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने ही रेलवे स्टेशन के ऊपर बने फाइव स्टार होटल का शिलान्यास किया था।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय रेलवे का काफी गुणगान किया। पीएम मोदी ने कहा कि नए भारत के विकास की गाड़ी दो पटरियों पर एक साथ चलते हुए ही आगे बढ़ेगी। भारत जैसे विशाल देश में रेलवे की भूमिका हमेशा से बहुत बड़ी रही है। रेलवे अपने साथ-साथ विकास के नए आयाम, सुविधाओं के नए आयाम लेकर भी पहुंचती है। ये बीते कुछ वर्षों का प्रयास है कि आज नॉर्थ ईस्ट की राजधानियों तक पहली बार रेल पहुंच रही है।  

उन्होंने यह भी कहा कि 21वीं सदी के भारत की ज़रूरत 20वीं सदी के तौर-तरीकों से पूरी नहीं हो सकती। इसलिए रेलवे में नए सिरे से Reform की जरूरत थी। हमने रेलवे को सिर्फ एक सर्विस के तौर पर नहीं बल्कि एक असेट के तौर पर विकसित करने के लिए काम शुरु किया। आज इसके परिणाम दिखने लगे हैं।