प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाहिर तौर पर नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर सेना के लक्षित हमलों की ओर इशारा करते हुए रविवार को कहा कि इस साल की विजयदशमी देश के लिए बहुत खास है। उन्होंने कहा कि किसी मजबूत देश के लिए बहुत सक्षम सशस्त्र बल जरूरी हैं। यहां विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में श्रोताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच प्रधानमंत्री ने कहा- आने वाले दिनों में हम विजयादशमी मनाएंगे। इस साल की विजयादशमी देश के लिए बहुत खास है। प्रधानमंत्री के बयान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भारतीय सेना के लक्षित हमलों की पृष्ठभूमि में आए हैं। उन्होंने बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक दशहरा पर्व के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं भी दीं। मोदी ने इस मौके पर जनसंघ के संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष दीनदयाल उपाध्याय के जीवन और सीख पर आधारित 15 पुस्तकों का सार-संक्षेप जारी किया। भाजपा इस वर्ष उपाध्याय का जन्म शताब्दी वर्ष मना रही है।

मोदी ने कहा कि उपाध्याय का सबसे बड़ा योगदान इस तरह की अवधारणा में था कि संगठन आधारित राजनीतिक दल होना चाहिए ना कि कुछ लोगों द्वारा संचालित राजनीतिक संगठन। उपाध्याय को उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्री ने एक मजबूत देश के लिए पूर्व आवश्यकता के रूप में असाधारण रूप से मजबूत सेना की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि देश सक्षम होना चाहिए जो आज की जरूरत है।मोदी ने कहा कि वे (उपाध्याय) कहते थे कि देश के सशस्त्र बलों को बहुत बहुत सक्षम होना चाहिए, तभी देश मजबूत हो सकता है। यह प्रतिस्पर्धा का समय है, जरूरत है कि देश सक्षम और मजबूत हो। परोक्ष रूप से पाकिस्तान का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि मजबूत होने का मतलब किसी के खिलाफ होना नहीं होता। अगर हम अपनी मजबूती के लिए प्रयास करें तो पड़ोसी देश को यह चिंता करने की जरूरत नहीं है कि यह उस पर निशाना साधने के लिए है। मैं खुद को मजबूत करने और अपनी सेहत के लिए ही तो व्यायाम करता हूं।

उपाध्याय का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि राममनोहर लोहिया भी जनसंघ नेता के प्रयासों की बात करते थे जिसके चलते 1967 में कांग्रेस का एक विकल्प उपजा। प्रधानमंत्री ने कहा कि एकात्म मानववाद की बात करने वाले उपाध्याय को श्रद्धांजलि देने के लिए सरकार अपनी योजनाओं में गरीब से गरीब लोगों पर ध्यान दे रही है। दीनदयालजी का सबसे बड़ा योगदान संगठन आधारित राजनीतिक दल होने और केवल कुछ लोगों द्वारा संचालित पार्टी नहीं होने की अवधारणा में था। यह जनसंघ और भाजपा की पहचान थी। मोदी ने कहा कि बहुत कम समय के अंदर एक पार्टी ने विपक्ष से विकल्प की यात्रा पूरी की और यह दीनदयालजी की रखी आधारशिला पर पूरी हुई है। उपाध्याय की विचारधारा की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने कार्यकर्ता निर्माण को गति प्रदान की।