देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने पर अभी सिर्फ चर्चाएं चल रही हैं। सरकारी स्तर पर अभी इसको लेकर कोई कानून नहीं बना है, लेकिन पीआईबी इसका प्रयोग अभी से करने लगी है। सरकार की ओर से मीडिया को जरूरी सूचनाएं देने तथा सरकार की योजनाओं और कार्यों को बताने की जिम्मेदारी पत्र सूचना कार्यालय (Press Information Bureau) यानी पीआईबी की होती है। गुरुवार को पीआईबी ने उपभोक्ता मामलों, खाद्य और जन वितरण मंत्रालय की एक अंग्रेजी प्रेस रिलीज में भारत नाम का ही उपयोग किया है। रिलीज में भारत नाम 14 बार आया। इस विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने भी मीडिया ब्रीफिंग में भारत नाम ही बोले।

सरकार का कहना है कि इंडिया देश का वास्तविक नाम नहीं

सरकार की ओर से कहा गया है कि इंडिया नाम अंग्रेजों का दिया हुआ है। यह भारत का वास्तविक नाम नहीं है। हालांकि विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार ऐसा करके माहौल खराब करना चाहती है।

सनातन पर विपक्ष की टिप्पणी पर भी विवाद गहराया

दूसरी तरफ सनातन धर्म पर विपक्ष के कुछ नेताओं की टिप्पणी को लेकर भी विवाद गहराता जा रहा है। कुछ दिन पहले तमिलनाडु के सीएम और डीएमके नेता स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने कहा था कि मच्छर, डेंगू और मलेरिया की तरह सनातन धर्म को खत्म कर देना जरूरी है। इस पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए पूरे विपक्षी गठबंधन को ही हिंदुत्व के खिलाफ बता दिया।

दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विपक्षी गठबंधन पर आरोप लगाया कि वह सनातन को खत्म करने में लगे हैं। पीएम ने कहा कि ये लोग देश को फिर से गुलामी के दौर में ले जाना चाहते हैं।

इस बीच स्टालिन ने अपने कार्यकर्ताओं को सनातन विवाद से दूर रहने को कहा है। स्टालिन ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह आम जनता की जरूरी मुद्दों पर नहीं बोलते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का मंत्रिपरिषद झूठी बातें फैलाकर बेवजह सनातन मुद्दे पर विवाद खड़ा कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का मीडियावाले भी साथ दे रहे हैं। उन्होंने पूछा कि पीएम मणिपुर मुद्दे पर क्यों नहीं बोलते है।