राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का संख्याबल और मजबूत हो गया है। एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने समर्थन करने का ऐलान किया है। टीडीपी प्रमुख और आन्ध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि उनकी पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू को भारत की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति के रूप में देखना अद्भुत होगा।
तेलुगु देशम पार्टी के लोकसभा में तीन सांसद और आन्ध्र प्रदेश विधानसभा में 23 विधायक हैं। इसके साथ ही राज्य के दो प्रमुख दलों ने द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के लिए अपना समर्थन घोषित कर दिया है। चंद्रबाबू नायडू ने इससे पहले 2019 के आम चुनावों से पहले ही एनडीए छोड़ दिया था। पूर्व में एनडीए सरकार द्वारा राज्य के विभाजन (तेलंगाना बनाने के लिए) के दौरान किए गए वादों को पूरा नहीं करने पर उन्होंने मोदी विरोधी रुख अपनाया था।
चंद्रबाबू नायडू के ऐलान से विपक्ष और विपक्षी एकता को करारा झटका लगा है। आन्ध्र प्रदेश में अब दोनों प्रमुख राजनीतिक दल वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने का फैसला किया है। टीडीपी के वरिष्ठ नेता वाई रामकृष्णुडु ने कहा कि हमने उनका समर्थन करने का फैसला किया है क्योंकि वह नामांकित होने वाली पहली आदिवासी महिला हैं, कोई अन्य विचार नहीं है।
बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा, राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल और शिवपाल सिंह यादव ने भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है। अब लगभग द्रौपदी मुर्मू की जीत भी तय मानी जा रही है। यशवंत सिन्हा की विपक्ष की ओर से उम्मीदवारी का सबसे पहले समर्थन करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि अगर बीजेपी उनसे मुर्मू के नाम पर विचार करती तो वह भी समर्थन कर सकती थीं।
राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को वोट डाले जाएंगे और नतीजे 21 जुलाई को आएंगे। विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा भी देश के सभी राज्यों का दौरा कर राजनीतिक दलों से अपने पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं।