President Rule Row: पंजाब में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच चल रही रस्साकशी थमने का नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की चेतावनी पर कटाक्ष किया। पुरोहित द्वारा भेजे गए पत्र का जवाब देते हुए सीएम मान ने कहा कि 3.5 करोड़ पंजाबी जानते हैं कि ‘दबाए जाने’ पर कैसे लड़ना है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दावा किया कि उन्होंने राज्यपाल द्वारा उठाए गए 16 में से नौ सवालों का जवाब पहले ही दे दिया है, जबकि बाकी का पालन किया जा रहा है।

राज्यपाल पुरोहित ने पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने का आरोप लगाते हुए मान के खिलाफ संविधान की धारा 365 के तहत कार्रवाई की धमकी दी थी। साथ ही उनसे बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं के व्यापार के मुद्दे पर सीएम द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में तुरंत एक रिपोर्ट भेजने को कहा था। पुरोहित ने कहा था कि अगर मेरे पत्रों का जवाब नहीं दिया गया तो वे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखेंगे।

3.5 करोड़ पंजाबियों की तरफ से जवाब दे रहा हूं: पंजाब सीएम

मुख्यमंत्री मान ने एक सम्मेलन में आंकड़े पेश किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नशीली दवाओं के कारोबार को पकड़ने और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के मोर्चों पर बड़ी कार्रवाई की है। मान ने कहा कि वह एक सीएम के तौर पर नहीं बल्कि एक आम पंजाबी के तौर पर और 3.5 करोड़ पंजाबियों की तरफ से जवाब दे रहे हैं।

मान ने कहा, ‘हमने अपनी आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी। हमने अपने देश की सीमाओं की रक्षा की और हरित क्रांति का पोषण दिया। हम राष्ट्रीय हित के सभी मुद्दों पर अपने देश के साथ खड़े हैं, हालांकि मैं यह कहना चाहता हूं कि हम जानते हैं कि दबाए जाने पर कैसे लड़ना है। इतिहास ने इसे सिखाया है।’

राज्यपाल पुरोहित ने आरोप लगाया था कि उन्हें पंजाब में नशीली दवाओं की व्यापक उपलब्धता और दुरुपयोग के संबंध में विभिन्न एजेंसियों से रिपोर्ट मिली है। पुरोहित ने कहा था कि यह सामान्य सी बात है कि वे वह दवा की दुकानों में उपलब्ध है। एक नया चलन यह देखा गया है कि इन्हें सरकारी शराब की दुकानों में बेचा जा रहा है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और चंडीगढ़ पुलिस ने हाल ही में लुधियाना में 66 शराब की दुकानों को सील किया था, जो नशीली दवाएं बेच रही थीं।

राज्यपाल ने कहा कि संसदीय स्थायी समिति की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच में से एक व्यक्ति नशीली दवाओं के संपर्क में है या इसका आदी है। उन्होंने कहा, “ये तथ्य पंजाब में कानून-व्यवस्था के इस हद तक ध्वस्त होने की ओर इशारा करते हैं कि अब ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है और खुद को नशे से बचाने के लिए अपनी ग्राम रक्षा समितियां गठित करने का फैसला किया है।”

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार में पंजाब में नशीली दवाओं के ओवरडोज़ से मौतें नई सामान्य बात हो गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग नशीली दवाओं के खतरे को खत्म करने के बारे में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के “घोर झूठ” से तंग आ चुके हैं।