गुजरात की अपनी पहली यात्रा पर आए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने व्यापक सामाजिक – आर्थिक विकास हासिल करने के लिए आज राज्य की सराहना की और कहा कि यह ‘गुजराती लोगों की औद्योगिक व उद्यमी प्रवृत्ति’ के कारण ही संभव हो पाया। वे यहां दुग्ध संघ अमूल के पशु चारा विनिर्माण संयंत्र का उद्घाटन कर रहे थे। मुखर्जी ने कहा कि ‘सबसे बड़े औद्योगिक निगमों में से कुछ इस राज्य में हैं जबकि इसकी कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर देश में सबसे ऊंची दरों में शामिल है।’

राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य ने स्वतंत्रता के बाद सभी मोर्चों पर प्रगति की है और यह गुजराती लोगों की औद्योगिक व उद्यमी प्रवृत्ति के कारण ही संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि गुजरात डेयरी क्षेत्र में सहकारिता आंदोलन में अग्रणी है। उल्लेखनीय है कि 25 जुलाई 2012 को राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद प्रणब पहली बार गुजरात की तीन दिन की यात्रा पर आए हैं।

मुखर्जी ने कहा कि गुजरात ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई और इस आंदोलन की कई प्रमुख हस्तियों का संबंध इस क्षेत्र से है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का साबरमती आश्रम स्वतंत्रता आंदोलन का शक्ति केंद्र था। उन्होंने कहा-गुजरात की यात्रा का अवसर मिलने पर मुझे भी खुशी है, गुजरात.. एक जोशीला गतिमान राज्य है जिसने विस्तृत सामाजिक-आर्थिक विकास की राह दिखाई। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी योजना के जरिए डेयरी क्षेत्र के लिए सहयोग को प्राथमिकता दी है और इसके तहत पहले चरण में 2,242 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।

संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि डेयरी किसान आश्वस्त हो सकते हैं कि उन्हें सरकार से सभी तरह का समर्थन मिलता रहेगा। उन्होंने अमूल सहकारी आंदोलन में दिशा निर्देशन व नेतृत्व के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल, मोरारजी देसाई, त्रिभुवनदास पटेल व वर्गीस कुरियन हस्तियों के प्रति सम्मान जताया।

उल्लेखनीय है कि अमूल डेयरी गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ के अधीन आती है। इस प्रमुख विपणन निकाय से गुजरात में 36 लाख डेयरी किसान जुड़े हुए हैं। इसकी औसत डेयरी दुग्ध खरीद क्षमता 1.6 करोड़ लीटर और सालाना कारोबार 22,000 करोड़ रुपए का है। अमूल एशिया का सबसे बड़ा तरल दूध ब्रांड है। यह भारत का सबसे बड़ा खाद्य ब्रांड भी है। इसके साथ ही यह भारत का डेयरी उत्पादों का सबसे बड़ा निर्यातक है।