राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दशहरे के मौके पर बढ़ती असहिष्णुता की घटनाओं की निंदा की और लोगों से अपने मतभेदों को दरकिनार कर भारत की एकता और अखंडता को कायम रखने और राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि दशहरा हमारी प्राचीन संस्कृति का प्रतीक है और हमें अपने मतभेदों को भूल जाना चाहिए और राष्ट्र निर्माण की दिशा में काम करना चाहिए। वही हमारी जीत होगी। मैं सबसे शांति और राष्ट्र की एकता को कायम रखने और देश के विकास में योगदान करने की अपील करता हूं।
राष्ट्रपति दशहरा समारोह के मौके पर मध्य दिल्ली के परेड ग्राउन्ड में बोल रहे थे। वहां रावण के साथ उसके पुत्र मेघनाद और भाई कुंभकरण का पुतला दहन किया गया। दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। विगत एक पखवाड़े में यह पांचवां मौका है, जब मुखर्जी ने असहिष्णुता की बढ़ती घटनाओं पर चिंता प्रकट की और लोगों से एकता तथा अखंडता कायम रखने की अपील की।
इससे पहले दिन में राष्ट्रपति ने कई ट्वीट किए और उम्मीद जताई कि करूणा, प्रेम और भ्रातृत्व की भावना बुराई की सभी शक्तियों पर प्रभावी होगी, जो हमें बांटने की कोशिश करती हैं। राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में कहा, दशहरा हमें याद दिलाता है कि जो सदाचार, अच्छाई और सच्चाई की राह का अनुकरण करेंगे वो हमेशा विजयी होंगे।
May compassion, love and brotherhood prevail over all forces of obscurantism and evil that seek to divide us# PresidentMukherjee
— President of India (@RashtrapatiBhvn) October 22, 2015
राष्ट्रपति ने कहा, इस साल का दशहरा हमें भगवान राम की तरह अपने सिद्धांतों की खोज पर अडिग रहने के लिए प्रेरित करे। हम सामूहिक रूप से सभी प्रतिकूलताओं का सामना करें और देश के चौतरफा विकास के लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ें। सोमवार को मुखर्जी ने इस बात को लेकर गंभीर आशंका जताई थी कि क्या सहिष्णुता और असहमति को स्वीकार करना हमारे देश में कम होता जा रहा है और कहा कि मानवता और बहुलवाद को किसी भी परिस्थिति में त्यागा नहीं जाना चाहिए और भारत की सामूहिक शक्ति का इस्तेमाल बुरी शक्तियों का प्रतिरोध करने के लिए किया जाना चाहिए।
May this year’s Dussehra inspire us to remain steadfast in the pursuit of our principles like Lord Rama #PresidentMukherjee
— President of India (@RashtrapatiBhvn) October 22, 2015
मुखर्जी ने यह टिप्पणी उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत अन्य लोगों की उपस्थिति में की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी समारोह में हिस्सा लेने का न्योता दिया गया था, लेकिन वह हिस्सा नहीं ले सके क्योंकि वह आंध्र प्रदेश की यात्रा पर थे।
रावण के पुतले का दहन किए जाने के साथ ही नवरात्र का समापन हो गया और दीपों के त्योहार दीपावली की 20 दिन लंबी प्रतीक्षा शुरू हो गई। दीपावली का त्योहार रावण का वध करके भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। नई-नई पोशाक पहनकर लोगों ने पूरे शहर में रामलीलाओं का जमकर आनंद लिया। वहां कलाकारों ने रामायण के अंतिम युद्ध प्रकरण का मंचन किया, जिसमें भगवान राम ने रावण को मारा और विजयदशमी के अवसर पर अपनी पत्नी सीता को अयोध्या लेकर आए।
भगवान राम की जय-जयकार के बीच पुतले का दहन किया गया। लोगों ने आतिशबाजी का दिव्य नजारा देखा, जिसने समूचे आकाश को जगमगा दिया। लोग मित्रों और रिश्तेदारों के यहां भी गए और तोहफे का आदान-प्रदान किया। बड़ी संख्या में लोग आतिशबाजी करते देखे गए। बाजारों में भी खरीदारी को लेकर चहल-पहल दिखी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि त्योहार के दौरान कोई भी अप्रिय घटना न हो इसे सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे। पुलिस ने शहर में कड़ी निगरानी रखी थी।