राज्यपालों की भूमिका पर पैदा हुए विवाद के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे सभी लोग संविधान की पवित्रता बरकरार रखें। राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रणब ने कहा कि हमारा देश आजादी के बाद मजबूत से मजबूत होता गया है। हमारे संविधान में शामिल सिद्धांतों के दृढ़तापूर्वक पालन की वजह से यह संभव हो सका है। यह एक चिरस्थायी दस्तावेज है जो हमारी आकांक्षाओं और उन्हें समावेशी तरीके से प्राप्त करने को लेकर हमारी विस्तृत रूपरेखा को प्रदर्शित करता है।
प्रणब ने कहा- संवैधानिक पदों पर बैठे हम सभी लोगों का कर्तव्य है कि हम इस पवित्र ग्रंथ की पवित्रता बरकरार रखें। अरुणाचल प्रदेश में राज्यपाल जेपी राजखोवा की भूमिका के मुद्दे पर पैदा हुए विवाद की पृष्ठभूमि में राष्ट्रपति की अपील काफी अहमियत रखती है। राजखोवा की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र ने अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन लगाया है। इस विवादित मामले पर इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
राष्ट्रपति ने कहा- केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्मार्ट सिटी मिशन और स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रमों को प्रभावी तौर पर लागू करने के लिए इन्हें राज्य सरकारों के साथ भागीदारी कर चलाना होगा। अपने राज्यों के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राज्यपालों को एक प्रेरणादायी भूमिका निभानी चाहिए ताकि उनका सक्रिय सहयोग सुनिश्चित किया जा सके। इस सम्मेलन में 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के राज्यपालों और उप-राज्यपालों ने शिरकत की।
इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगरिया भी मौजूद थे।