काशी विश्वनाथ कोरिडॉर के भव्य उद्घाटन को लेकर अब राजनीतिक पार्टियां आमने सामने आ गई हैं। विपक्ष जहां इसे भारतीय जनता पार्टी का चुनावी हथकंडा करार दे रहा है तो वहीं सत्तारूढ़ दल विपक्ष की प्रतिक्रिया को उनकी हताशा बताने से नहीं चूक रहा है। टीवी डिबेट कार्यक्रमों में बीजेपी और कांग्रेस के प्रवक्ताओं के बीच जबरदस्त तूतू-मैंमैं देखने को मिल रही है। समाचार चैनल आजतक के डिबेट शो ‘दंगल’ में भी ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला।
डिबेट शो में भाजपा प्रवक्ता ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के लिए ‘नर पिशाच’ शब्द का इस्तेमाल किया जिस पर कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत ने आपत्ति जताते हुए, शो की एंकर से भी सवाल किया कि आपको पूर्व प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल करने पर टोकना चाहिए था। दरअसल कांग्रेस प्रवक्ता ने बीजेपी पर अनैतिक व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या मजबूरी है जो प्रधानमंत्री को उस शख्स को अपने मंत्रिमंडल में रखना पड़ रहा है जिसके बेटे पर किसानों की हत्याओं का आरोप लगा है।
इसी का जवाब देते हुए बीजेपी नेता प्रेम शुक्ला ने कांग्रेस के कुछ मंत्रियों का नाम लेते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस ने मजबूरी में अपने मंत्रिमंडल में रखा था। उन्होंने कहा कि क्या वजह से सिखो के हत्यारे एचके एल भगत को राजीव गांधी ने मंत्री बनाया। यहां उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को नर पिशाच की संज्ञा देते हुए कहा कि नर पिशाच कहता है कि ब़ड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। उन्होंने कहा कि 10 हजार सिखो की हत्या करने वाले शख्स को कांग्रेस ने भारत रत्न दिया था।
बीजेपी नेता के इस वार पर पलटवार करते हुए सुप्रिया श्रीनेता ने कहा कि जिस पूर्व प्रधानमंत्री की आतंकियों ने साजिश के साथ हत्या कर दी, जिसने भारत में सूचना और प्रद्यौगिकी की क्रांति की लौ जलाई उसके लिए नर पिशाच जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि यही इनकी गंदी और विक्षिप्त मानसिकता दिखाता है। श्रीनेत की इस टिप्पणी पर बीजेपी प्रवक्ता नाराज हो और चिल्लाने लगे कि इन्हें सिर्फ गालियां आती हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अजय मिश्रा के इस्तीफा को लेकर आज सदन में भी जोरदार हंगामा हुआ। भाजपा ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि लखीमपुर खीरी मामले पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि यह अदालत के विचाराधीन है। लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या की घटना को एक ‘‘सोची-समझी साजिश’’ करार देने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं और वह केंद्रीय मंत्री मिश्रा के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।