Kumbh Mela New Features: प्रयागराज में अगले वर्ष जनवरी से आयोजित होने वाले महाकुंभ के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार महाकुंभ में कई नई पहलें शुरू की जा रही हैं, जो इसे पहले से अधिक आधुनिक, स्वच्छ और प्रौद्योगिकी-समृद्ध बनाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को इन तैयारियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह महाकुंभ न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत और सनातन परंपरा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा, बल्कि ‘डिजिटल कुंभ’ के रूप में भी अपनी पहचान बनाएगा। 2025 का महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भारत की आधुनिक सोच और प्राचीन परंपराओं का मिलन होगा। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि देश और दुनिया के लिए एक अनूठा अनुभव साबित होगा।

पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत अनुभव

प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ में जमीन से 18 फीट ऊपर टेंट सिटी निर्मित की जाएगी, जहाँ से महाकुंभ का विहंगम दृश्य देखने को मिलेगा। यह पहल महाकुंभ को अधिक भव्य और आधुनिक बनाने के साथ-साथ पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेगी।

मेले में चलेंगे ऑल टेरेन व्हीकल

महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार पहली बार मेला क्षेत्र में ऑल टेरेन व्हीकल तैनात करेगी। तत्काल आग पर काबू पाने में सक्षम यह वाहन रेत, दलदल और कम पानी में भी चल सकेंगे। इसको चलाने के लिए विभाग से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

थाईलैंड, इंडोनेशिया, मॉरिशस में रोड शो

महाकुंभ को विश्वव्यापी आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए विश्व भर में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। थाईलैंड, इंडोनेशिया, मॉरिशस समेत विभिन्न देशों में रोड शो के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा महाकुंभ का प्रचार प्रसार किया जाएगा। इससे दुनियाभर में भारत की संस्कृति, आध्यात्म और आस्था का प्रचार प्रसार होगा।

डिजिटल और तकनीकी पहल

2025 का महाकुंभ ‘डिजिटल कुंभ’ के रूप में जाना जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किया जाएगा। इसके तहत वर्चुअल गाइडेंस, डिजिटल मैप्स और मोबाइल ऐप के जरिए आयोजन स्थल की जानकारी दी जाएगी। सरकार की योजना है कि श्रद्धालु महाकुंभ की पवित्रता और प्राचीनता का अनुभव करते हुए आधुनिक तकनीक का भी लाभ उठा सकें।

क्षेत्रफल और सुविधाओं का विस्तार

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार महाकुंभ का क्षेत्रफल बढ़ाकर 4000 हेक्टेयर कर दिया गया है, जो 2019 के कुंभ के 3200 हेक्टेयर क्षेत्रफल से कहीं अधिक है। इस विशाल क्षेत्र को 25 सेक्टर में विभाजित किया गया है, जिससे व्यवस्थाओं को बेहतर तरीके से संभाला जा सके। श्रद्धालुओं को संगम तट तक आसानी से पहुंचने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, ताकि डेढ़ से दो किलोमीटर से अधिक की पैदल यात्रा न करनी पड़े।

पार्किंग और यातायात प्रबंधन

श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए संगम तट के पास 1850 हेक्टेयर से अधिक में पार्किंग स्थल चिन्हित किए गए हैं। ये पार्किंग स्थल संगम से दो से पांच किलोमीटर के दायरे में होंगे, जिससे यातायात प्रबंधन सुगम हो सके। सरकार इस बात पर विशेष ध्यान दे रही है कि किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में श्रद्धालुओं को त्रिवेणी के पवित्र जल की सुविधा रेलवे स्टेशन और बस स्टेशनों पर बोतल बंद और कलश में उपलब्ध कराई जाएगी। इस कार्य को महिलाओं के स्वयं सहायता समूह द्वारा संभाला जाएगा, जिन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस पहल से श्रद्धालुओं को आसानी से त्रिवेणी का जल मिल सकेगा और महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकेंगी।

इसके अलावा, त्रिवेणी जल को सुरक्षित और आकर्षक रूप से पैक करने के लिए मूंज से बनी डिजाइनर डलियों का इस्तेमाल किया जाएगा। यह जल एक लीटर, आधे लीटर और 250 मिली लीटर के पैकिंग साइज में होगा, जो पर्यावरण के अनुकूल और सुविधाजनक होगा। इस पहल से न केवल स्थानीय कारीगरों को लाभ होगा, बल्कि महाकुंभ के आयोजन में पारंपरिक और आधुनिक तरीकों का अच्छा संगम देखने को मिलेगा।

स्वच्छता और शौचालय निर्माण

मुख्यमंत्री ने स्वच्छता पर जोर देते हुए कहा कि महाकुंभ क्षेत्र में डेढ़ लाख से अधिक शौचालय बनाए जा रहे हैं। इनका उद्देश्य स्वच्छता के साथ-साथ श्रद्धालुओं को सुविधाजनक अनुभव प्रदान करना है। 2019 के कुंभ ने स्वच्छता के मानकों को बढ़ाया था, और इस बार यह आयोजन नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।

2019 के कुंभ में जहां 23-24 करोड़ श्रद्धालु आए थे, वहीं इस बार 35 से 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इतने बड़े आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं। सुरक्षा के व्यापक इंतजाम भी किए जा रहे हैं, ताकि श्रद्धालु निश्चिंत होकर इस आयोजन का हिस्सा बन सकें।

महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक पहचान को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने का एक अवसर भी है। योगी आदित्यनाथ ने इसे विकास, विरासत और परंपरा का संगम बताते हुए कहा कि यह आयोजन सनातन धर्म की पवित्रता और भारत की समृद्ध परंपरा को नई दिशा देगा। यहां करें क्लिक