Shivalay Theme Park Prayagraj: प्रयागराज के नैनी स्थित अरैल तट पर महाकुंभ 2025 की भव्यता और आध्यात्मिकता को और अधिक समृद्ध करने के लिए शिवालय पार्क का निर्माण हो रहा है। 14 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रहा यह पार्क 11 एकड़ में फैला है और भारतीय संस्कृति, मंदिरों की महिमा और पुराणों की दिव्यता को दर्शाने वाला अनूठा स्थल बनने जा रहा है। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माणाधीन शिवालय पार्क का निरीक्षण किया और कार्यों को तय समय पर पूरा करने का निर्देश दिया। यह स्थल न केवल कला और संस्कृति का केंद्र होगा, बल्कि प्रकृति और मनोरंजन का भी संगम पेश करेगा।
भारत का मानचित्र रूपी शिवालय
शिवालय पार्क को भारत के मानचित्र के आकार में डिजाइन किया गया है। इसमें देशभर के प्रसिद्ध मंदिरों के प्रतिरूप उनके वास्तविक स्थानों के अनुसार बनाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य आगंतुकों को एक ही स्थान पर तीर्थ यात्रा का अनुभव प्रदान करना है। इन मंदिरों में 12 ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ भारत और नेपाल के अन्य प्रमुख शिवालय शामिल होंगे।
प्रमुख मंदिरों के प्रतिरूप
- सोमनाथ मंदिर (गिर सोमनाथ, गुजरात)
- मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर (श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश)
- महाकालेश्वर मंदिर (उज्जैन, मध्य प्रदेश)
- ओंकारेश्वर मंदिर (खंडवा, मध्य प्रदेश)
- बैद्यनाथ मंदिर (देवघर, झारखंड)
- भीमाशंकर मंदिर (महाराष्ट्र)
- रामनाथस्वामी मंदिर (रामेश्वरम, तमिलनाडु)
- नागेश्वर मंदिर (द्वारका, गुजरात)
- काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)
- त्र्यंबकेश्वर मंदिर (नासिक, महाराष्ट्र)
- केदारनाथ मंदिर (उत्तराखंड)
- घृष्णेश्वर मंदिर (औरंगाबाद, महाराष्ट्र)
- अन्य प्रमुख मंदिर: बैजनाथ (हिमाचल प्रदेश), पशुपतिनाथ (नेपाल), लिंगराज (ओडिशा), वीरभद्र (आंध्र प्रदेश), और महाबलीपुरम का शोर मंदिर (तमिलनाडु)।
वेस्ट मटीरियल का उपयोग और पर्यावरण संरक्षण
पार्क के निर्माण में वेस्ट मटीरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाता है। यह विशेषता इसे एक उदाहरणात्मक परियोजना बनाती है। पार्क का निर्माण कार्य जेड टेक इंडिया लिमिटेड के तहत हो रहा है, जो इसे अगले तीन साल तक मेंटेन भी करेगी।
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बच्चों और परिवारों के लिए विशेष आकर्षण
शिवालय पार्क में बच्चों के लिए एक विशेष ज़ोन बनाया जा रहा है, जहां वे खेलकूद और अन्य गतिविधियों का आनंद ले सकें। इसके अलावा, पार्क में तुलसी वन और संजीवनी वन भी बनाए जा रहे हैं, जो पर्यावरण और आध्यात्मिकता का प्रतीक हैं। परिवारों के लिए फूड कोर्ट और रेस्त्रां की भी व्यवस्था की जा रही है, जहां आगंतुक स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकते हैं।
महाकुंभ की शोभा बढ़ाने वाला केंद्र
महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को ध्यान में रखते हुए शिवालय पार्क को खास तौर पर तैयार किया जा रहा है। यह न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और वास्तुकला की भव्यता का भी परिचय कराएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को इसे निर्धारित समय पर पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने पार्क की अनूठी अवधारणा की सराहना की और इसे महाकुंभ के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बताया।
श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष अनुभव
शिवालय पार्क महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण होगा। यहां आने वाले लोग भारतीय मंदिरों की भव्यता और आस्था का अनुभव कर सकेंगे। यह पार्क न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि प्रयागराज को एक नई पहचान भी देगा।
शिवालय पार्क न केवल महाकुंभ की आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति, कला और प्रकृति का अद्वितीय संगम भी है। यह स्थल देशभर के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आध्यात्मिकता और मनोरंजन का अनूठा अनुभव लेकर आएगा। प्रयागराज के अरैल तट पर बन रहा यह पार्क भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को समर्पित एक शानदार पहल है।
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प्रयागराज में 2024 के महाकुंभ की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। यह अद्भुत आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक अनुभव का केंद्र होगा, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को भी समर्पित किया जाएगा। अगले वर्ष 13 जनवरी से शुरू होने वाले इस महाकुंभ में, देश के प्रमुख कलाकार कुंभ की गाथा को जीवित करेंगे और रामलीला तथा महाभारत जैसे महान महाकाव्यों का मंचन भी किया जाएगा। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के सहयोग से कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन प्रस्तुतियों का उद्देश्य श्रद्धालुओं को न केवल धार्मिक आस्था से जोड़ना है, बल्कि भारत की संस्कृति और इतिहास से भी परिचित कराना है। पढ़ें पूरी खबर