The largest Open Free of Cost Restaurant: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला 2025 केवल आध्यात्मिकता और आस्था का संगम नहीं है, बल्कि यहां श्रद्धालुओं के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ‘ओपन फ्री ऑफ कास्ट रेस्टोरेंट’ भी संचालित हो रहा है। मेला क्षेत्र और शहर भर में 24 घंटे नि:शुल्क भंडारे चल रहे हैं, जहां लाखों लोगों को भोजन कराया जा रहा है। यह अनोखा प्रयास भारतीय संस्कृति की अतिथि सत्कार और सेवा भावना का जीवंत उदाहरण है। इन भंडारों में बड़ी संख्या में लोग भोजन प्रसाद पा रहे हैं।
भंडारे में हर किसी का है स्वागत
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्र वत्सल श्रीवास्तव के अनुसार, इन भंडारों में रोजाना करीब 10 से 15 लाख लोग भोजन कर रहे हैं। यह संख्या इसे दुनिया का सबसे बड़ा नि:शुल्क भोजन स्थल बनाती है। मेला क्षेत्र के हर कोने में, हर सेक्टर और हर मार्ग पर यह सेवा जारी है। यहां तक कि मेला क्षेत्र के अलावा पूरे शहर में भी भंडारे आयोजित हो रहे हैं।
अडानी-इस्कॉन के शिविर में रोजाना 1 लाख लोगों को भोजन
अडानी-इस्कॉन के भंडारे में भोर 3 बजे से रात 11 बजे तक भोजन वितरण किया जा रहा है, जो मेला क्षेत्र में तीन अलग-अलग स्थानों पर संचालित हो रहा है। हर कैंप में 400-500 वालंटियर पूरी भक्तिभाव से सेवा में लगे हुए हैं, जहां रोजाना करीब 1 लाख श्रद्धालु भोजन कर रहे हैं। आयोजकों का अनुमान है कि महाकुंभ मेले के समापन तक यह भंडारा लगभग 50 लाख लोगों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराएगा।
हर जरूरत का ख्याल
इन भंडारों में पूड़ी-कचौड़ी, हलवा, चावल-कढ़ी, खीर और खिचड़ी जैसे पारंपरिक व्यंजन श्रद्धालुओं को परोसे जा रहे हैं। कुछ स्थानों पर भोजन को पैकेट में बांधकर भी वितरित किया जा रहा है, ताकि लोग इसे साथ ले जा सकें। प्रयागराज के तुलारामबाग में रहने वाले उज्जल भट्टाचार्य बताते हैं कि पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति जैसे खास अवसरों पर शहर के हर चौराहे और मोहल्ले में भंडारे आयोजित किए गए।
सबका सहयोग, सबका सम्मान
महाकुंभ में भंडारों की व्यवस्था में न केवल धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं, बल्कि बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं। अडानी समूह ने इस्कॉन के साथ मिलकर ‘महाप्रसाद सेवा’ शुरू की है, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी तक निरंतर चलेगी। इसके अलावा, अक्षय पात्र फाउंडेशन, ओम नमः शिवाय आश्रम, और सेक्टर 19 जैसे स्थानों पर भी भंडारे संचालित हो रहे हैं।
भक्ति के साथ भोजन
भंडारे केवल भोजन तक सीमित नहीं हैं। यहां भजन-कीर्तन और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है, जो श्रद्धालुओं के आध्यात्मिक अनुभव को और गहरा बनाता है।
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महाकुंभ में भंडारों की यह परंपरा हर जाति, धर्म और समुदाय के लोगों को जोड़ने का काम कर रही है। खास बात यह है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में भी भंडारे आयोजित किए गए, जिससे सामाजिक समरसता का संदेश मिला। महाकुंभ का यह आयोजन भारतीय संस्कृति की महानता को दर्शाता है। नि:शुल्क भोजन की यह परंपरा दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं को सेवा और समर्पण की भावना से जोड़ रही है।
महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह मानवता की सेवा और आपसी भाईचारे का अनोखा मंच भी है। यहां के भंडारे इसे दुनिया का सबसे बड़ा ‘ओपन फ्री ऑफ कास्ट रेस्टोरेंट’ बनाते हैं, जो हर किसी को गले लगाकर सेवा का संदेश देते हैं।