प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ मेले में पौराणिक आस्था के साथ-साथ अत्याधुनिक डिजिटल तकनीक का भी समावेश किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। इनमें सबसे प्रमुख है ड्रोन का इस्तेमाल, जो पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी कर रहा है। महाकुंभ में हो रही हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए 20 ड्रोन 24 घंटे का कर रहे हैं। इन ड्रोनों के माध्यम से महाकुंभ में हो रहे हर विकास कार्य और गतिविधि की निगरानी की जा रही है, जिससे किसी भी प्रकार की समस्या या अनहोनी को रोका जा सके। सीएम योगी खुद हर पल की लगातार जानकारी ले रहे हैं।
प्रयागराज महाकुंभ मेले के सभी 25 सेक्टरों के हर कोने-कोने पर हैं सक्रिय
संगम से लेकर मेला क्षेत्र के हर महत्वपूर्ण स्थान जैसे हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, घाट, सड़कें, मंदिर, और ब्रिज सभी पर इन ड्रोन की नजर बनी हुई है। इन विशेष ड्रोनों की मदद से एक क्लिक पर महाकुंभ के 25 सेक्टरों के हर कोने की जानकारी मिल रही है। सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया गया है ताकि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं कि महाकुंभ में एक भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की परेशानी न हो, और इसके लिए प्रशासन युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटा हुआ है।
प्रयागराज में स्थापित किए गए 2,700 से अधिक हाई-डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरे
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत प्रयागराज में स्थापित 2,700 से अधिक हाई-डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरों के नेटवर्क, एआई-संचालित सीसीटीवी इकाइयों, ड्रोन और पोल से बंधे ड्रोनों का उपयोग किया जा रहा है। यह निगरानी व्यवस्था 13 जनवरी से शुरू होने वाले 45 दिवसीय महाकुंभ के दौरान सक्रिय रहेगी। इन सभी तकनीकी उपकरणों को एकीकृत नियंत्रण और कमान केंद्र (ICCC) से जोड़ा जा रहा है, जो गंगा के किनारे स्थित टेंट सिटी में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के आवागमन को नियंत्रित करने में मेला पुलिस की मदद करेगा।
ICCC में 100 पुलिसकर्मियों की एक विशेष टीम होगी, जो आईटी विशेषज्ञों की निगरानी में काम करेगी। अतिरिक्त महानिदेशक (प्रयागराज क्षेत्र) भानु भास्कर ने मीडिया को बताया कि यह उन्नत प्रणाली मेला पुलिस को प्रवेश बिंदुओं से लेकर निकासी बिंदुओं, पोंटून पुलों और पार्किंग क्षेत्रों तक श्रद्धालुओं के प्रवाह की निगरानी और विनियमन में मदद करेगी। इसके अलावा, व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के तहत 35,000 से अधिक पुलिसकर्मियों, अर्धसैनिक बलों, एटीएस और एसटीएफ के कर्मियों को तैनात किया जाएगा, जिससे कुंभ मेले का संचालन सुचारू और सुरक्षित तरीके से किया जा सके।
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महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था में शामिल इन ड्रोनों की तीन प्रमुख परियोजनाओं को पहले से ही लागू किया जा चुका है, ताकि हर कोने की कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, यह ड्रोन एक ही बार में महाकुंभ के विभिन्न विभागों जैसे स्मार्ट सिटी, नगर निगम, पुलिस, चिकित्सालय और परिवहन के कार्यों की भी निगरानी करते हैं। अगर भविष्य में जरूरत पड़ी, तो इन ड्रोन की संख्या और बढ़ाई जा सकती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार महाकुंभ को अलौकिक बनाने के लिए हर पहलू पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मेला क्षेत्र के विकास कार्यों की निगरानी के लिए भी इन ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। इनकी मदद से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी विभागों में हो रहे कार्य समय पर पूरे हों और मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो। महाकुंभ का यह आयोजन अब न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक आधुनिक सुरक्षा व्यवस्था की मिसाल भी पेश कर रहा है।
इस बार के महाकुंभ में प्रयागराज की सुरक्षा व्यवस्था पहले से कहीं अधिक मजबूत है, और यह डिजिटल तकनीक का उपयोग श्रद्धालुओं के अनुभव को और भी बेहतर बनाने के लिए किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ हो रहे प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्रदेश के मंत्री देश के सभी राज्यों में यात्रा करेंगे और वहां के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को महाकुंभ में आमंत्रित करेंगे। यह निर्णय प्रदेश सरकार द्वारा महाकुंभ को एक भव्य और दिव्य आयोजन बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। सभी मंत्री प्रदेश सरकार की तरफ से दूत बनकर जाएंगे। पूरी खबर यहां पढ़ें