Prayagraj Police: दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन, प्रयागराज महाकुंभ 2025, अब कुछ ही सप्ताह में शुरू होने वाला है। करोड़ों श्रद्धालुओं के इस आध्यात्मिक समागम में आने वाले लोगों को सुरक्षा और सुखद अनुभव देने के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण न केवल सुरक्षा बल्कि श्रद्धालुओं के साथ आत्मीय और सौम्य व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए है। तीर्थराज प्रयाग में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर आने वाले तीर्थयात्रियों के साथ पुलिसकर्मियों का व्यवहार परिवार जैसा अपनापन भरा होगा। इस बात पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि तीर्थयात्रियों से संवाद सौम्य और सहयोगपूर्ण हो। उनकी यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की सहायता के लिए पुलिसकर्मी तत्परता और सक्रियता के साथ आगे बढ़ें।
पुलिसकर्मियों के व्यवहार पर विशेष ध्यान
महाकुंभ के एसएसपी (कुंभ) राजेश द्विवेदी के मुताबिक, पुलिस बलों को ऐसा प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वे केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित न रहें, बल्कि श्रद्धालुओं की सेवा भी श्रद्धा भाव से करें। उन्होंने कहा, “हमारा ध्यान इस पर है कि पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं के साथ सौम्य और आत्मीय व्यवहार करें, जिससे वे अपने अनुभव को सुखद मानें।”
पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण मॉड्यूल में उनके व्यवहार सुधारने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के लिए बाहरी संस्थानों को भी शामिल किया गया है। अब तक 1,500 पुलिसकर्मी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और मेला शुरू होने से पहले यहां तैनात होने वाले कुल 40,000 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित कर लिया जाएगा।
व्यावहारिक प्रशिक्षण और साइबर सुरक्षा पर ध्यान
पीटीआई न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक, प्रशिक्षण के दौरान पुलिसकर्मियों को साइबर अपराध, भीड़ नियंत्रण और आपात स्थिति में मदद करने के तरीके सिखाए जा रहे हैं। प्रशिक्षण शिविर का हिस्सा बने मथुरा के हेड कांस्टेबल सतीश कुमार यादव ने बताया, “हमें यह सिखाया गया कि श्रद्धालुओं के साथ विनम्रता से पेश आना है और किसी परेशानी के समय उनकी मदद कैसे करनी है।”
पुलिस बल को प्रशिक्षित करने के लिए नेशनल पुलिस अकादमी से प्रशिक्षित अधिकारियों की मदद ली जा रही है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिसकर्मियों को सतर्क रहने और ऐसी गतिविधियों से बचने की भी सलाह दी गई है, जिससे वे किसी विवाद में फंस सकें।
श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान
महाकुंभ के दौरान धार्मिक भावनाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। पुलिस मेस में पूरी तरह से शाकाहारी भोजन तैयार किया जाएगा और मेले में मांसाहार तथा मदिरा सेवन जैसी चीजों पर पूरी तरह रोक लगाई जाएगी। एसएसपी राजेश द्विवेदी ने कहा, “हम सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी कार्य श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत न करे।”
अलग-अलग भाषाओं में बात करने के लिए “भाषिनी ऐप” की मदद
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुलिसकर्मियों को भाषा की बाधाओं को दूर करने के लिए विशेष तैयारी की गई है। पुलिस बल “भाषिनी ऐप” की मदद से विभिन्न भाषाओं में संवाद कर सकेगा। इसके अलावा, दूसरे राज्यों से आए पुलिस बल और द्विभाषी पुलिसकर्मी भी संवाद में मदद करेंगे।
“कुंभ सहायक” चैटबॉट 10 से अधिक भाषाओं में देगा जानकारी
महाकुंभ 2025 में पहली बार नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। एआई आधारित “कुंभ सहायक” नामक चैटबॉट, श्रद्धालुओं को 10 से अधिक भाषाओं में मेले से संबंधित जानकारी प्रदान करेगा। इसके साथ ही, घुड़सवार पुलिस बल भी भीड़ नियंत्रण में अहम भूमिका निभाएगा। करीब 160-170 घोड़ों के साथ प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों को इस बार तैनात किया जाएगा।
श्रद्धालुओं को सुखद अनुभव प्रदान करने का लक्ष्य
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में सुरक्षा सुनिश्चित करना और श्रद्धालुओं को एक सकारात्मक अनुभव देना एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए पुलिसकर्मियों को व्यवहारिक, तकनीकी और सांस्कृतिक दृष्टि से तैयार किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित और आत्मीय माहौल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। महाकुंभ 2025 श्रद्धालुओं के लिए न केवल आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बनेगा, बल्कि सुरक्षा और सेवा के मामले में भी यह आयोजन एक मिसाल पेश करेगा।