दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ के अपने नारे के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के लिए सुरक्षित कुंभ कराना बड़ी चुनौती साबित होने जा रहा है। 144 साल बाद होने जा रहे इस महाकुंभ को सुरक्षित सम्पन्न करने के लिए नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के कमांडों के साथ बड़ी संख्या में पुलिस और ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है। इसके अलावा पीएसी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी लगाई गई हैं। ज्ञातव्य हो कि बीते दिनों पीलीभीत में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकियों के मुठभेड़ के बाद 24 दिसंबर को आतंकी पन्नू ने महाकुंभ को लेकर धमकी दी थी। इस मामले में पीलीभीत पुलिस ने केस भी दर्ज किया है, जिसकी जांच चल रही है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
तीर्थराज प्रयाग में 13 जनवरी से होने वाले महाकुंभ में सुरक्षा के लिहाज से उत्तर प्रदेश की सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। पूरे महाकुंभ नगर और प्रयागराज शहर को सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजामों से लैस किया गया है। पूरे महाकुंभ क्षेत्र में एनएसजी के दो सौ कमांडो तैनात किए जाने हैं। इनमें से सौ कमांडो की तैनाती कर दी गई है। इन दो सौ कमांडो को 50-50 कमांडों के चार समूहों में बांटा गया है।
50 घाटों पर 4000 नावों से पुलिस रखेगी निगरानी
मेला क्षेत्र में किसी भी संदिग्ध को पहचानने के लिए स्पाटर्स की 30 टीमें तैनात की गई हैं, जबकि 70 जिलों से उत्तर प्रदेश पुलिस के 15000 जवान तैनात किए गए हैं। इनके जिम्मे 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले कुंभ नगर की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। इतना ही नहीं, 12 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले रिवर साइड एरिया को पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए अभेद्य नदी यातायात प्रणाली बनाया गया है। इसके तहत ही 4000 नाव चलेंगी। 50 स्रान घाटों पर जल पुलिस निगरानी रखेगी। स्रान के दौरान श्रद्धालु गहरे पानी में न चले जाएं, इसके लिए ब्लाक और जालियां लगाई गई हैं।
अतिरिक्त सुरक्षा के लिए भारतीय नवसेना के 25 गोताखोर तैनात किए गए हैं। कुंभ के इतिहास में पहली बार मेला क्षेत्र में साइबर थाना भी बनाया गया है। पुलिस ने फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन की टीम हायर की है, जो आइआइटी कानपुर की टीम के साथ मिलकर साइबर गश्त की व्यवस्था को देखेगी। मेला क्षेत्र में 2700 सीसीटीवी लगाए गए हैं, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता की क्षमता से युक्त हैं। इन कैमरों की खासियत यह होगी कि भीड़ ज्यादा होने पर, अवरोधक फलांगने, धुआं उठने जैसी स्थितियों में यह सतर्कता बरतेंगे। इसके अलावा जल के भीतर ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुंभ मेले में प्रवेश करने वाले प्रत्येक वाहन का रिकार्ड रखा जा रहा है।
साथ ही प्रत्येक अखाड़े में रह रहे साधुओं का आधार कार्ड व मतदाता पहचान पत्र देखा जा रहा है। प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि कुंभ क्षेत्र में तीन जल पुलिस थाने, एक जल पुलिस नियंत्रण कक्ष, 17 जल पुलिस उप नियंत्रण कक्ष, 50 अग्निशमन केंद्र, 20 अग्निशमन चौकियां, 50 निगरानी टावर, 4300 अग्निशमन के लिए जल बिंदु, 45 अग्निशमन जल भंडारण की व्यवस्था की गई है। प्रयागराज महाकुंभ 2025 से संबंधित सभी खबरों के लिए यहां क्लिक करें-