UP Ministers on Kumbh invitation tour: प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से शुरू होने जा रहे महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का महाकुंभ होगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का अद्वितीय संगम भी होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस भव्य आयोजन को लेकर विशेष पहल की है। गुरुवार से, उत्तर प्रदेश के मंत्री देशभर के विभिन्न राज्यों में महाकुंभ का निमंत्रण देने के लिए निकल रहे हैं।
पर्यटकों और दर्शनार्थियों के लिए भी अविस्मरणीय अनुभव होगा कुंभ
महाकुंभ 2025 का आयोजन न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि पर्यटकों और दर्शनार्थियों के लिए भी एक अविस्मरणीय अनुभव होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा हर स्तर पर सबसे अच्छी और सबसे सुविधाजनक व्यवस्था की जा रही है। महाकुंभ को “दिव्य महाकुंभ”, “भव्य महाकुंभ”, “स्वच्छ महाकुंभ”, “सुरक्षित महाकुंभ”, “सुगम महाकुंभ”, “डिजिटल महाकुंभ”, और “ग्रीन महाकुंभ” के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह मध्य प्रदेश और मंत्री एके शर्मा गुजरात जाएंगे
राज्यवार मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत किया जा सके। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को दक्षिण भारत की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक महाराष्ट्र का दौरा करेंगे। मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह मध्य प्रदेश और मंत्री एके शर्मा गुजरात का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस आयोजन के प्रति उत्साह को बढ़ाते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी कुंभ से जुड़े रोड शो में भाग ले सकते हैं।
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महाकुंभ का यह वर्ष खास रहेगा, क्योंकि कुंभनगर पूरी तरह से इको फ्रेंडली होगा। संगम की रेती पर इस बार बांस और लकड़ी से संतों, महंतों, आचार्यों और शंकराचार्यों के शिविर बनाए जाएंगे। इस पहल से न केवल पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पांच राज्यों के 25,000 से अधिक कारीगरों को रोजगार भी मिलेगा।
महाकुंभ 2025 में आठ हजार से अधिक संस्थाओं के शिविर लगाने का लक्ष्य है, जो पिछले कुंभ की तुलना में डेढ़ गुने से अधिक हैं। इन संस्थाओं में से 3,800 संस्थाएं सनातन धर्म के प्रचार के लिए लगातार शिविर लगाती रही हैं, और इस बार उन्होंने शिविरों और प्रवेश द्वारों के निर्माण में बांस का उपयोग प्राथमिकता से किया है।
महाकुंभ 2025 का यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करेगा, बल्कि इस ऐतिहासिक मेले को एक नया रूप देने की ओर भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह केशव ——– तेलंगाना
डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ——– महाराष्ट्र
मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ——– मध्य प्रदेश
मंत्री एके शर्मा——– गुजरात
मंत्री ओम प्रकाश राजभर ——– सिक्किम
मंत्री दयाशंकर मिश्र ——– त्रिपुरा
राकेश सचान ——– बिहार और पश्चिम बंगाल
इनके अलावा सीए योगी आदित्यनाथ खुद भी कुंभ से जुड़े कई रोड-शो करेंगे।
प्रयागराज में जनवरी 2025 में होने वाले महाकुंभ मेले के लिए केंद्र सरकार ने 2100 करोड़ रुपए की विशेष अनुदान सहायता राशि स्वीकृत की है। यह अनुदान राशि महाकुंभ के सफल और व्यवस्थित आयोजन के लिए दिया जा रहा है, जिसमें से 1,050 करोड़ रुपए की पहली किस्त मंगलवार को जारी कर दी गई। यह ऐतिहासिक निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत करने के लिए प्रयागराज आ रहे हैं। प्रधानमंत्री इस दौरान कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिनका असर मेले के सफल आयोजन पर होगा। पढ़ें पूरी खबर
