देश के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से जनता दल यूनाईटेड के साथ नई पारी की शुरूआत की है। इंडिया पॅलिटिकल एक्शन कमेटी के संस्थापक प्रशांत किशोर रविवार को जदयू में शामिल हो गए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व अन्य नेताओं के समक्ष वे पार्टी में शामिल हुए। इससे पहले उन्होंने एक ट्वीट कर कहा था, “बिहार में अपनी नई यात्रा को शुरू करने के लिए उत्साहित हूं।” वहीं, जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा था, “उन्होंने अपनी इच्छा जताई है। हम पार्टी में उनका स्वागत करेंगे।” बता दें कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के समय प्रशांत किशोर पीएम मोदी के रणनीतिक सलाहकार थे अौर फिर वर्ष 2015 में बिहार विधानसभा के समय उन्होंने जदयू के लिए काम किया था। नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने और नीतीश कुमार को फिर से बिहार का मुख्यमंत्री बनाने में उनकी रणनीति सफल रही।

प्रशांत किशोर ने अपने कॅरिअर की शुरूआत पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट के रूप में की थी और संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित एक कार्यक्रम के लिए काम किया था। प्रशांत किशोर 2014 लोकसभा चुनाव के समय चर्चा में आए। इस चुनाव में उन्होंने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए रणनीति बनाई थी। चुनावी अभियान के लिए काम किया था। युवाओं के बीच ‘मंथन’, सरदार पटेल के नाम पर ‘स्टैच्यू आफ लिबर्टी’, चाय पे चर्चा, 3डी रैली और भारत विजय रैली जैसे कार्यक्रम का आयोजन करवाया था। लोकसभा चुनाव के कुछ समय बाद वे भाजपा से अलग हो गए।

वर्ष 2015 में प्रशांत किशोर ने बिहार में महागठबंधन (जदूय, कांग्रेस, राजद) के लिए काम किया। उन्होंने मुख्य रूप से जदयू के चुनावी अभियान की कमान संभाली थी। जदयू के पक्ष में ‘हर घर दस्तक’ अभियान चलाया था। ‘बिहार में बहार हो, नीतेशे कुमार हो’ और ‘झांसे में नहीं आएंगे, नीतीश को जिताएंगे’, जैसे नारे तैयार करवाए थे। महागठबंधन की सरकार बनने के बाद उन्हें बिहार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया था। सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें अपना राजनीतिक सलाहकार बनाया था।

वर्ष 2017 में प्रशांत किशोर ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए काम किया, लेकिन इस बार उनकी रणनीति काम नहीं आयी। पिछले दो साल से उनकी चुनावी कंसलटेंसी आई-पैक वाईएस जगमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के लिए काम कर रही थी। 2019 में लोकसभा चुनाव और 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए काफी पहले से यह चर्चा चल रही थी कि प्रशांत किशोर एक बार फिर जदयू के साथ आ सकते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कई बार उनकी मुलाकात भी हुई थी। कुछ समय पहले वे नीतीश कुमार के साथ जदयू के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में भी मौजूद थे।