जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को बागी रुख अपनाने के चलते बुधवार को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया। इसके साथ ही बागी पूर्व सांसद पवन वर्मा को भी जेडीयू से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। प्रशांत किशोर और वर्मा बीते कई दिनों से पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी कर रहे थे। दोनों नेताओं पर यह कार्रवाई अनुशासनहीनता की दलील के आधार पर की गई है। मंगलवार को जेडीयू अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ संकेत दे दिए थे कि किशोर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल सीएम नीतीश ने कहा था कि प्रशांत किशोर को गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर जेडीयू में जगह दी गई थी। वह पार्टी लाइन पर चलना चाहते हैं तो चले वरना वह कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं। नीतीश के इस बयान के बाद माना जा रहा था कि प्रशांत किशोर की जेडीयू से छुट्टी लगभग तय है। पार्टी से निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को शुक्रिया कहा। उन्होंने ट्वीट किया ‘नीतीश कुमार आपका शुक्रिया। बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहने के लिए आपको मेरी शुभकामनाएं। भगवान आपको खुश रखे।’

बता दें कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी कर रहे थे। पवन वर्मा ने खत लिखकर इसका खुला विरोध करते हुए नीतीश पर कई गंभीर आरोप लगाए थे।

वहीं जेडीयू प्रवक्ता ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में कहा है कि ‘प्रशांत किशोर कोरोना वायरस की तरह हैं। ये नेता कब से हो गए…कॉर्पोरेट दलाल। नीतीश कुमार के रहम-ओ-करम पर उन्हें इतनी इज्जत बख्शी गई और अब अपनी औकात भूल गए। हैं क्या ये सिर्फ कॉर्पोरेट दलाली करते हैं। किसके साथ हैं? राहुल गांधी के साथ हैं या अरविंद केजरीवाल के साथ हैं। डीएमके के साथ हैं या फिर शिवसेना के साथ हैं या कभी हमारे साथ भी थे।’