BPSC Students Protest News Latest Updates: बीपीएससी की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में जनसुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। छात्रों के अलावा यहां पर बुजुर्ग लोग भी मौजूद हैं। भूख हड़ताल के एक दिन और एक सर्द रात के बाद प्रशांत किशोर ने इंडियन एक्सपेस से कहा कि पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है। अगर सरकार 31 जनवरी से पहले बीपीएससी की प्रीलिम्स का आदेश नहीं देती है, तो हम सरकार को इस मैदान पर 26 जनवरी का आधिकारिक समारोह आयोजित नहीं करने देंगे। हम यह तय करेंगे कि बिहार के हर ब्लॉक से कम से कम 500 छात्र मैदान में आएं।
बिहार की राजनीति को जाति से दूर शिक्षा और नौकरियों के मुद्दे की ओर ले जाने का दावा करने वाले प्रशांत किशोर ने कहा कि यह विरोध सिर्फ बीपीएससी तक सीमित नहीं रह गया है। यह नौकरशाही के खिलाफ छात्रों के बढ़ते गुस्से को भी दिखाता है। इसने पिछले 10 सालों में कई परीक्षाओं को गलत तरीके से संभाला है। सरकार को यह एक आम विरोध लग सकता है, लेकिन अगर सिस्टम नहीं जागा तो यह एक आंदोलन में बदल सकता है।
सीटें 30 लाख से लेकर 1.5 करोड़ में बेची जा रही- प्रशांत किशोर
चुनाव रणनीतिकार और जनसुराज पार्टी के मुखिया ने यह आरोप भी दोहराया कि राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा की दोबारा परीक्षा का आदेश देने में हिचकिचा रही है, क्योंकि इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि हमें पता चला है कि सीटें 30 लाख से 1.5 करोड़ रुपये के बीच में बेची जा रही हैं। ऐसे राज्य में जहां कांस्टेबलों की परीक्षा को लेकर पूर्व डीजीपी की भूमिका की जांच हो रही हो, वहां कोई क्या उम्मीद कर सकता है? उन्होंने आगे कहा कि जन सुराज पार्टी चाहती है कि पिछले 10 सालों में अलग-अलग एजेंसियों द्वारा कराई गई परीक्षाओं की सही तरीके से जांच की जानी चाहिए।
बिहार के प्रमुख सचिव का प्रशांत किशोर ने क्यों किया धन्यवाद?
प्रदर्शनकारियों का सवाल है कि 18 दिसंबर से लेकर 28 दिसंबर तक कोई भी सरकारी अधिकारी उनसे मिलने क्यों नहीं आया। उनका कहना है कि उनका समर्थन करने वाले एकमात्र राजनेता पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन या पप्पू यादव थे, जो निर्दलीय हैं। शुक्रवार को पप्पू यादव ने बंद के आह्वान के तहत रेल रोकने की भी कोशिश की। औरंगाबाद से यहां आए राजेश कुमार ने कहा कि अब प्रशांत किशोर के आने से हमें लगता है कि किसी ने विरोध को पूरी तरह से अपना लिया है।
प्रशांत किशोर ने लाठीचार्ज को लेकर भी निशाना साधा
जन सुराज पार्टी के मुखिया ने हाल ही में बीपीएससी परीक्षा के प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज पर भी निशाना साधा। विपक्षी आरजेडी ने किशोर पर प्रदर्शनकारियों को भड़काने का आरोप लगाया है, कुछ युवाओं ने दावा किया है कि किशोर पुलिस के दबिश देने से ठीक पहले उन्हें छोड़कर चले गए और पुलिस के चले जाने के बाद ही वापस लौटे। किशोर ने दावा किया है कि पिछले तीन सालों में बिहार में 87 लाठीचार्ज हुए हैं। यह देश में सबसे ज्यादा है, सिर्फ छात्रों पर ही नहीं बल्कि टीचर्स, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर भी। उन्होंने कहा कि जब हमारे पास लाठीतंत्र नीति है, तो हम खुद को गणतंत्र की मां कैसे कह सकते हैं?
प्रशांत किशोर ने कहा कि 1974 का जयप्रकाश नारायण आंदोलन भी छात्रों के एक समूह से शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि बिहार एक बार फिर ऐसे ही दौर से गुजर रहा है। वामपंथी दलों की छात्र शाखाओं ने अब प्रदर्शनकारियों की मांग को अपना समर्थन दिया है, जबकि आरजेडी ने भी पेपर लीक को राज्य प्रायोजित बताते हुए दोबारा परीक्षा कराने का समर्थन किया है।
बीजेपी का प्रतिक्रिया ना देना कायरता
प्रशांत किशोर ने कहा कि सभी दलों ने इस मुद्दे पर केवल दिखावा किया है और भारतीय जनता पार्टी की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब बीजेपी विपक्ष में थी, तब उसके वरिष्ठ नेता और सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल लाठीचार्ज के दौरान घायल हो गए थे। अब प्रतिक्रिया न करना कायरता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को सबसे बड़ा नुकसान हो सकता है, जबकि वह बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनने की कोशिश कर रही है और महाराष्ट्र की तरह जेडीयू को पछाड़ रही है। विरोध प्रदर्शन करने वाले बीपीएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज पढ़ें पूरी खबर…