अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख प्रणव पांड्या ने राज्य सभा सांसद पद ठुकरा दिया है। उन्हें केंद्र सरकार ने सातवें नामांकित सदस्य के रूप में चुना था। उनका नाम राष्ट्रपति को भी भेज दिया गया था। नामाकंन के एक दिन बाद ही उन्होंने राज्य सभा जाने से मना कर दिया। उनका कहना है कि अंतरात्मा की आवाज पर यह फैसला लिया। राज्यसभा में बहस का स्तर उनके लायक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सांसद बनना उनके मौजूदा पद से छोटा है।
पंड्या ने आईबीएन 7 से बातचीत में कहा,’ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुझे अपने घर बुलाकर कहा था। मैं उन्हें उसी वक्त मना करके आ गया था। अमित शाह ने मुझसे बात करने के बाद शांति कुंज के कार्यकर्ताओं से बात की। मेरे पास बार-बार संदेश आया कि प्रधानमंत्री चाहते हैं मैं राज्यसभा जाऊं। अगर पढ़े लिखे लोग नही आएंगे तो कौन आएगा? मुझे होम सेकेट्री की तरफ से मेसेज मिला कि आपको नॉमिनेट कर दिया गया है। मैने प्रधानमंत्री के कहने पर इसे स्वीकार कर लिया। 5 तारीख को खबर प्रसारित हुई। मेरे पास करीब 1000 कॉल आए, मैंने इस बारे में लोगों से पूछा। लोगों ने यही कहा कि आप कल तक जिनके साथ सम्मानपूर्वक बैठते थे आज आप उनके चरणों में बैठ रहे हैं। इससे सही मैसेज नहीं जाएगा। उसके बाद मैने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जी को चिट्ठी लिखकर मना कर दिया, अभी तक शपथ नहीं ली थी तो मना कर दिया।’
उन्होंने बताया,’मोदी जी के साथ 30 साल से मेरे अच्छे मित्रतापूर्ण संबंध हैं लेकिन आज की परिस्थितियां ऐसी नही है कि राज्यसभा में जाकर बैठा जाए। निश्चित रूप से पीएम के कहने पर ही मुझे मनोनीत किया गया होगा। आज राज्यसभा का जो वातावरण है, वहां जो बोलने की शैली है, काम करने का तरीका है…वो मेरी बात कब सुन पाएंगे। मैंने फैसला लिया है कि मैं ये प्रस्ताव ठुकरा रहा हूं।’ खबरों के अनुसार पीएम मोदी और प्रणव पांड्या के बीच अच्छी बनती है। बताया जाता है कि पीएम मोदी को स्वच्छ भारत अभियान का आइडिया भी पांड्या ने ही दिया था।
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