शिवसेना के बयान पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने जवाब दे दिया है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके पिता दोबारा सक्रिय राजनीति में नहीं आएंगे। दरअसल, शिवसेना की तरफ से कहा गया था कि अगर 2019 में बीजेपी को बहुमत नहीं मिलता है तो प्रणब मुखर्जी को पीएम बनाने पर सहमति बन सकती है। शिवसेना नेता संजय राउत ने यह बात कही थी। उनके इस बयान पर मुखर्जी की बेटी ने जवाब दे दिया है। शर्मिष्ठा ने कहा, ‘मिस्टर राउत, देश के राष्ट्रपति के पद से रिटायर होने के बाद मेरे पिता दोबारा सक्रिय राजनीति में नहीं आएंगे।’
आपको बता दें कि संजय राउत के अलावा यह बात शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में संपादकीय में भी कही थी। शिवसेना ने कहा था कि अगर बीजेपी 2019 के आम चुनावों में बहुमत हासिल करने में नाकाम रही तो प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार हो सकते हैं। संपादकीय में लिखा था, ‘आरएसएस के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी को बुलाने के पीछे संघ की यही योजना रही होगी। जो भी एजेंडा होगा वह 2019 के चुनाव के बाद साफ हो जाएगा। उस समय बीजेपी को बहुमत नहीं मिलेगा। देश में माहौल भी ऐसा ही है। ऐसे में लोकसभा त्रिशंकु रही और मोदी के साथ अन्य दल खड़े नहीं रहे तो प्रणब मुखर्जी को ‘सर्वमान्य’ के रूप में आगे किया जा सकता है।’
Mr. Raut, after retiring as President of India, my father is NOT going to enter into active politics again https://t.co/WJmmZx5g1y
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) June 10, 2018
शिवसेना ने आगे लिखा था कि संघ ने कभी भी अपने कार्यक्रम में शिवसेना के पूर्व प्रमुख बाल ठाकरे को आमंत्रित नहीं किया था, क्योंकि उन्होंने हिंदुत्व का छिपा एजेंडा नहीं चलाया था, बल्कि वीर सावरकर की तरह उन्होंने खुलेआम हिंदुत्व का प्रचार किया था। संघ बाल साहेब का भार उठाने में असमर्थ था। इसके साथ ही शिवसेना ने संघ पर मुसलमानों को खुश करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया था। सामना में कहा गया था कि संघ इफ्तार पार्टी आयोजित कर मुस्लिमों को खुश करने की कोशिश कर रही है।
बता दें कि 7 जून को प्रणब मुखर्जी संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नागपुर में आरएसएस के मुख्यालय पहुंचे थे। पूर्व राष्ट्रपति के इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल देखने को मिली थी। खुद शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पिता के संघ के साथ मंच साझा करने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। वहीं कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं ने भी इस पर ऐतराज जताया था।