Prakriti Lamsal Suicide: भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) के हॉस्टल में नेपाली छात्रा की आत्महत्या को लेकर नेपाल की संसद में मंगलवार को सांसदों ने प्रदर्शन कर जबरदस्त आक्रोश व्यक्त किया। विपक्षी दलों के सांसदों ने नेपाल सरकार से कहा कि वह इस मामले को भारत के सामने पुरजोर ढंग से उठाए। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने KIIT के कुछ कर्मचारियों द्वारा नेपाल को लेकर की गई नस्लवादी टिप्पणियों की भी निंदा की।

इस मामले में नेपाल दूतावास के दो अफसर प्रशासन, पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए भुवनेश्वर जा रहे हैं। KIIT में कंप्यूटर साइंस की थर्ड ईयर की छात्रा प्रकृति लामसाल ने रविवार को आत्महत्या कर ली थी।

AIIMS, भुवनेश्वर में छात्रा के पोस्टमार्टम के बाद उसका शव माता-पिता को सौंप दिया जाएगा। छात्रा के माता-पिता मंगलवार को ओडिशा पहुंच गए। प्रकृति लामसाल ने लखनऊ के रहने वाले अपने बैचमेट अद्विक श्रीवास्तव (21) के बर्ताव को लेकर शिकायत की थी। श्रीवास्तव को रविवार को ही प्रकृति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था।

मंगलवार को जैसे ही नेपाल में संसद की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि KIIT के के कर्मचारियों के बयान नेपाल के लिए बेहद अपमानजनक हैं।

बयान ‘अपमानजनक और अस्वीकार्य’

माओवादी सेंटर के सांसद माधव सपकोटा ने कहा कि नेपाली छात्रों के साथ जिस तरह का बर्ताव किया गया, वह नेपाल के लिए ‘अपमानजनक और अस्वीकार्य’ है और केपी शर्मा ओली सरकार को भारत के सामने इस बात को स्पष्ट कर देना चाहिए। राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के सांसद धुर्बा बहादुर प्रधान ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे को भारत के सामने प्रमुखता से उठाना चाहिए और गहराई से जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।

फैक्ट फाइंडिंग कमेटी करेगी मामले की जांच

इस मामले में लगातार दबाव बढ़ने के बाद ओडिशा सरकार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (होम) सत्यब्रत साहू की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है। यह कमेटी आत्महत्या की वजह का पता लगाएगी और इस बात की भी जांच करेगी कि क्या यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने कथित तौर पर मनमानी की है? साथ ही नेपाल के छात्रों को निकाले जाने के नोटिस और दूसरे पहलुओं की भी जांच की जाएगी।

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प्रधानमंत्री ने दिया था दखल

हालात के बिगड़ने पर KIIT ने नेपाल के 500 से अधिक छात्रों को कॉलेज से बाहर निकाल दिया था लेकिन सोमवार को नेपाली दूतावास और प्रधानमंत्री केपी ओली के दखल के बाद यूनिवर्सिटी को फैसला वापस लेना पड़ा था।

पांच लोगों को किया गिरफ्तार

छात्रा की आत्महत्या के बाद जब नेपाली छात्रों ने KIIT के परिसर में प्रदर्शन किया था तो वहां के स्टाफ ने उन पर हमला कर दिया था। इसे लेकर पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें KIIT के तीन सीनियर कर्मचारी और 2 सिक्योरिटी गार्ड शामिल हैं। पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें सिक्योरिटी गार्ड रमाकांत नायक और जोगेंद्र बेहरा तथा केआईआईटी के कर्मचारी सिबानंद मिश्रा, प्रताप कुमार चंपती और सुधीर कुमार राठ के नाम शामिल हैं। इन पांचों पर बीएनएस की धाराएं लगाई गई हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

इस मामले में सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें KIIT की कुछ महिला कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे नेपाली छात्रों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करती हुई सुनाई दे रही हैं। ओडिशा सरकार के एक अफसर का कहना है कि राज्य सरकार इन महिला कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर KIIT से स्पष्टीकरण मांग सकती है।

वीडियो में दो महिला कर्मचारियों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि यूनिवर्सिटी के फाउंडर ने 40000 गरीब छात्रों की फ्री एजुकेशन के लिए जितना पैसा खर्च किया है, वह नेपाल के सालाना बजट से भी ज्यादा है। इसके अलावा कई और वीडियो भी सामने आए हैं जिनमें सिक्योरिटी गार्डों को प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ मारपीट करते हुए दिखाया गया है।

ओडिशा सरकार के एक सीनियर अफसर ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘इस घटना से ओडिशा की छवि खराब हुई है। सरकार ने मामले का संज्ञान लिया है और वह KIIT से कहेगी कि वह सभी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करे।’

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